25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

राजस्थान सरकार ने सवा लाख बेटियों के मुंह से छीन लिया निवाला, अब आएगा ये संकट

Kishori Shakti Yojana (KYS) : किशोरी शक्ति योजना बंद होने से अब राजस्थान की बेटियों को आंगनबाड़ी केन्द्रों पर पोषाहार नहीं मिल सकेगा।

2 min read
Google source verification
Rajasthan govt,Rajasthan BJP,Sikar news,sikar girls,Kishori Shakti Yojana,KYS,

सीकर.

किशोरियों बालिकाओं को कुपोषण जैसी बीमारी से बचाने के लिए लागू की गई किशोरी शक्ति योजना को सरकार ने बंद कर दिया है। ऐसे में अब प्रदेश की सवा लाख कुपोषित व गरीब बालिकाओं को आंगनबाड़ी केंद्रों से मिलने वाला पोषाहार नहीं दिया जाएगा। जबकि इस पोषाहार के जरिए उन चयनित बालिकाओं के शरीर के कुपोषण को दूर किया जा रहा था। जो जरूरतमंद हैं और जिनका शारीरिक विकास उम्र के हिसाब से नहीं हो रहा है।

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किशोरी शक्ति योजना को बंद कर दिए जाने के बाद समेकित बाल विकास सेवाएं की आयुक्त शुचि शर्मा ने विभाग के उपनिदेशक व सीडीपीओ को आदेश भिजवा दिए हैं। जिनमें निर्देशित किया गया है कि किशोरी शक्ति योजना का संचालन तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया जाए।

ऐसे में विभागीय अधिकारियों ने इन बालिकाओं के पंजीकरण रद्द करना भी शुरू कर दिया है। जबकि किशोरी शक्ति योजना से प्रदेश की एक लाख 30 हजार बालिकाएं सीधे तौर पर जुड़ी हुई हैं। जिनका कुपोषण के कारण शरीर कमजोर है और खाने में पोष्टिकता का अभाव होने के कारण उनका शरीर उम्र के हिसाब से विकसित भी नहीं हो रहा है।

65 हजार हैं आंगनबाड़ी केंद्र

प्रदेश में वर्तमान में 65 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिनमें हर केंद्र से दो किशोरी बालिकाएं पंजीकृत हैं। ये वे बालिकाएं हैं। जो स्कूल नहीं जा रही हैं और बीपीएल होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं है कि वे इनकी सेहत और स्वास्थ्य का ख्याल रख सकें।

इनको आंगनबाड़ी केंद्र से हर गुरुवार सप्ताहभर का 9.30 ग्राम का पोष्टिक पोषाहार घर के लिए दिया जाता था। जिसमें चना, दाल, सोयाबीन या उसका तेल सहित गेंहू की मात्रा भी तय होती है। योजना बंद होने से अब वे इससे वंचित रहेंगी और पंजीकरण रद्द हो जाने पर उसे बाकी आधा दर्जन सुविधाएं भी नहीं मिल पाएंगी। जो कि, उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र पर स्वास्थ्य के तौर पर मिला करती थीं।


फायदेमंद थी योजना

महिला पर्यवेक्षक सरीता ढ़ाका व मुकेश चौधरी के अनुसार किशोरी बालिकाओं के लिए Kishori Shakti Yojana फायदेमंद साबित हो रही थी। केंद्र पर आने पर उन्हें पोषाहार के साथ स्वास्थ्य सलाह भी दी जाती थी। इसके अलावा शरीर में खून की कमी होने के कारण आयरन की टेबलेट व उम्र के आधार पर शरीर की देखरेख के बारे में भी अलग से बताया जा रहा था। जिले में 2031 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिन पर चार हजार से अधिक किशोरी बालिकाएं पंजीकृत हैं।

आवाज उठाएंगे


अखिल राजस्थान महिला एवं बाल विकास संयुक्त कर्मचारी महासंघ के संरक्षक छोटेलाल बुनकर का कहना है कि सरकार एक तरफ तो बेटी बचाओ का नारा दे रही है और दूसरी तरफ बालिकाओं से उनका हक छीन रही है। इस दोकली निति का विरोध जताया जाएगा। प्रदेश में 65 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों से जुड़ी सवा लाख किशोरी बालिकाओं को इस योजना से हटाकर सरकार ने उनका मनोबल फिर से घटा दिया है।


बड़ी खबरें

View All

सीकर

राजस्थान न्यूज़

ट्रेंडिंग