
जयपुर। प्रदेश में 6 माह बाद होने वाले विस चुनाव में कांग्रेस का इस बार हाड़ोती में विशेष फोकस रहेगा। कोटा संभाग मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके पुत्र दुष्यंत सिंह का निर्वाचन क्षेत्र भी है। ऐसे में कांग्रेस ने चुनावी बिगुल बजाने के लिए इसी संभाग को चुना है। वैसे भी हाड़ोती में भाजपा के सहयोगी माने जाने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पकड़ मजबूत होने के चलते कांग्रेस ने यहां तैयारी को लेकर ज्यादा ध्यान दिया है। कोटा संभाग से 23 अप्रेल को कांग्रेस का मेरा बूथ-मेरा गौरव अभियान शुरू होगा। इसमें बड़ी संख्या में लोगों को बुलाया जा रहा है। हाड़ोती संभाग में एक विस सीट को छोड़ लगभग सभी भाजपा के पास हैं। ऐसे में इस बार यहां कांग्रेस भाजपा को कड़ी टक्कर देने के लिए जुटी है। आरएसएस का इस इलाके में ज्यादा प्रभाव होने से भाजपा के कई दिग्गज नेता इस क्षेत्र से भाजपा में बड़े पदों पर सक्रिय रहे हैं।
इनमें रघुवीर सिंह कौशल, ललित किशोर चतुर्वेदी, हरिकुमार औदिच्य के अलावा मदन दिलावर का प्रमुख नाम है। वहीं कांग्रेस पार्टी के बड़े नेता में इस क्षेत्र से जुझार सिंह, रिखबचंद और शांति धारीवाल के प्रमुख नाम हैं।
पहले गढ़, मगर अब हिल रहा वोटर
उदयपुर संभाग का मजबूत वोट बैंक रहा आदिवासी क्षेत्र पिछले कुछ चुनावों से हिल रहा है। ऐसे में इस बार सत्ता में काबिज होने के लिए कांग्रेस आदिवासी वोट बैंक को लेकर भी अलग से रणनीति बना रही है। यही कारण है कि कोटा संभाग के कार्यक्रम के तीन दिन बाद कांग्रेस उदयपुर संभाग में बड़ा कार्यक्रम करने में जुट गई है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की मानें तो यहां भी आदिवासी वोट बैंक को अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा के सहयोग माने जाने वाले आरएसएस की ओर से वनवासी परिषद सहित कई संगठन काम कर रहे हैं। इसको देखते हुए कांग्रेस भी अलग से रणनीति पर मंथन कर रही है।
Published on:
18 Apr 2018 06:03 pm
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