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शेयर मार्केट के नुकसान ने इस Lady को बना दिया Don, जानिए इसकी पूरी कुंडली

Lady Don Anuradha Choudhary Sikar : आनंदपाल गैंग की लेडी डॉन अनुराधा चौधरी सीकर में पैदा हुई। बचपन में मां का साया सिर से उठ गया था।

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Sikar Girl

Anuradha choudhary

सीकर. करीब 30 साल की दुबली-पतली सी ये लड़की लेडी डॉन के नाम से जानी जाती है। कभी अपराध जगह इसके नाम का आतंक हुआ करता था। इसे एके 47 से फायर करने और किसी का भी अपहरण करने में एक्सपर्ट माना जाता था।

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इन दिनों एक बार फिर से ये चर्चा में है। वो इसलिए कि नीमकाथाना पुलिस ने इसे फर्जी सिम मामले में नागौर जेल से प्रोडक्शन वारंट पर गुरुवार को गिरफ्तार किया है। शुक्रवार सुबह कड़ी सुरक्षा में जेल में पेश कर 27 जून तक के लिए जेल भिजवा दिया गया।

जानिए कौन है लेडी डॉन अनुराधा चौधरी

- सीकर की रहनेवाली अनुराधा पढ़ाई में तेज थी। उसने बीसीए जैसी प्रॉफेशनल डिग्री थी, लेकिन नॉर्मल जॉब उसका एंबिशन नहीं थी।

अनुराधा और उसका पति फैलिक्स दीपक मिन्ज ने सीकर में शेयर ट्रेडिंग का काम शुरू किया था। दोनों ने मिलकर लोगों के लाखों रुपए ट्रेडिंग में लगवा दिए।

- अचानक उसका धंधा चौपट हुआ और करोड़ों के कर्ज में डूब गई। लेनदारी खत्म करने के लिए उसने जुर्म का रास्ता चुना।

-पैसा वापस लौटाने का दबाव बना तो उसने हिस्ट्रीशीटर बलबीर बानूड़ा के जरिए कुख्यात अपराधी आनंदपाल सिंह के सम्पर्क में आ गई।

-अनुराधा ने घरवालों के खिलाफ जाकर लव मैरिज की थी। जुर्म की दुनिया में एक्टिव होने पर वह आनंदपाल के संपर्क में आई।
- उससे मिलने से पहले आनंदपाल बिल्कुल देसी लड़का था, शर्ट-पैंट और गमछा पहनने वाला। लेकिन अनुराधा ने उसे बदल दिया।
- डॉन अब देसी कपड़े छोड़ सूट-बूट और हैट पहनने लगा था। वह अपने बयान भी अंग्रेजी में देने लगा था। इंग्लिश बोलना उसे अनुराधा ने ही सिखाया था।
- डॉन के हर क्राइम की प्लानिंग अनुराधा ही करती थी। उसने डॉन को अंग्रेजी सिखाई और बदले में डॉन से एके-47 जैसे हाइटेक हथियार चलाने सीखे थे।

- सीकर के एक व्यापारी के अपहरण के मामले में पुलिस ने अनुराधा पर 5 हजार रुपए इनाम भी घोषित किया था।
- 27 जून 2006 को बहुचर्चित जीवणराम गोदारा हत्याकांड घटना के मुख्य गवाह प्रमोद चौधरी के भाई इंद्रचंद के अपहरण मामले में भी पुलिस को अनुराधा की तलाश थी।


बचपन में उठ गया था मां का साया

- अनुराधा के घर का नाम मिंटू है। मां के बचपन में ही गुजरने के बाद मिंटू के सिर पर सिर्फ पिता का ही साया बचा था। आर्थिक हालत कमजोर होने के चलते पिता कमाने के लिए बाहर चले गए। मिंटू की शादी जिस शख्स से हुई वो भी अनुराधा के अपराध जगत में फंसने के बाद उससे अलग हो गया।