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सेना की नौकरी छोड़ बच्चों को सीखा रहे दांव-पेच

राज्यस्तरीय व राष्ट्रीय स्तरीय पर जीते चुके है गोल्ड व कांस्य पदक

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सीकर

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Suresh Sharma

Feb 05, 2020

सेना की नौकरी छोड़ बच्चों को सीखा रहे दांव-पेच

सेना की नौकरी छोड़ बच्चों को सीखा रहे दांव-पेच

गणेश्वर. खेल स्टेडियम के संस्थापक अनिल सिंह तंवर झोपड़पट्टी में रहने बच्चों को कुश्ती दंगल, जुड़ो, कराटे सिखा रहे हैं। सीआइएसएफ में सब इंस्पेक्टर की नौकरी छोडक़र तंवर बच्चों को यह हुनर सीखा रहे हैं। तंवर को बच्चों सरजी कहते हैं। 6 फरवरी 2019 को सरजी ने सेंटर की स्थापना की थी। करीब 20 लाख रुपये की जमीन आबादी क्षेत्र की पास की जमीन मुख्य रोड पर खेल स्टेडियम खोला था। स्टेडियम में 10 से 18 वर्ष तक के 70 खिलाड़ी हैं, जिनमें 15 लड़कियों ने एक वर्ष के अंतराल में राज्यस्तर, राष्ट्रीय स्तर विद्यालय खेल प्रतियोगिता में गोल्ड व कांस्य के दर्जनों पदक अजमेर कांकरोली, रोहतक, लखनऊ, पुणे में हासिल कर स्टेडियम का नाम रोशन किया। गुरुवार को स्टेडियम का पहला स्थापना दिवस मनाया जाएगा।

इसमें खेल राज्यमंत्री अशोक चांदना, विधायक सुरेश मोदी गांव सहित आस पास के भामाशाह भाग लेंगे। खेल राज्य मंत्री सरकार की ओर से स्टेडियम के बच्चो को कुश्ती सीखने के लिए करीब 3 लाख रुपये के गद्दे प्रदान करेंगे। संस्थापक अनिल सरजी ने बताया की कोटपूतली , हरियाणा, जयपुर क्षेत्र के छोटे बच्चों को स्टेडियम में नि:शुल्क कुश्ती के दांव पेच सिखाये जाते हैं। दूर दराज क्षेत्र के बच्चों को रहने तक की व्यवस्था स्टेडियम की तरफ से होती हैं ।
पूरा परिवार करता है स्टेडियम में सहयोग :संस्थापक ने बताया गांव में स्टेडियम खोलने की प्रेरणा तीर्थ धाम पर रहने वाले संत महात्मा व मेरी माता मीना कंवर ने दी थी। छोटा भाई जयसिंह ने अपने हिस्से की जमीन स्टेडियम को दे दी व दो लाख रुपये खर्च कर स्टेडियम तैयार करवाया मेरी पत्नी गणेश कंवर व दो लडक़े अंकित व संकित भी स्टेडियम चलाने के लिए अपनी आय में से प्रति माह धन देते है। दोनों बच्चे एलएनटी में इंजीनियर हैं। बड़ा बेटा अंकित बचपन बचाओ संस्था बानसूर से जुड़ा हुआ हैं। अब आस पास के क्षेत्र के भामाशाह भी स्टेडियम में सहयोग करने से पीछे नहीं हट रहे है। पूर्व सरपंच छाजूराम यादव ने स्टेडियम में पानी की टंकी का निर्माण करवाया। वहीं भामाशाह घासीलाल अग्रवाल ने स्टेडियम शौचालय बनवाये। छोटा भाई जयसिंह बच्चो के रहने के लिए दो बड़े मकान बनवा रहा है।
नेशनल पैरा एथलेटिक्स में हिमांशु ने जीते तीन गोल्ड
लक्ष्मणगढ़. छत्तीसगढ़ के रायपुर में आयोजित 16वीं नेशनल पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2020 में उपखंड के बादूसर गांव निवासी अखिल भारतीय ढाका परिवार के राष्ट्रीय अध्यक्ष एडवोकेट बाबूलाल ढाका के पुत्र हिमांशु ढाका ने एक साथ 3 गोल्ड मैडल जीतकर कीर्तिमान बनाया है।
बाबूलाल ढाका ने बताया कि केशवानंद स्कूल में अध्ययनरत हिमांशु ने 1500 मीटर, 800 मीटर और 400 मीटर स्पर्धाओं में प्रथम स्थान प्राप्त कर तीन-तीन गोल्ड मेडल्स पर कब्जा जमाकर उपखंड व परिवार का नाम रोशन किया है। हिमांशु की सफलता पर परिजनों ने मंगलवार को गांव में मिठाई बांटकर खुशियों का इजहार किया।


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