
सीकर. सदर थाना इलाके में तीन युवकों ने तीन दिन तक कबाडिय़ों से मारपीट कर पैसे लूट लिए। लक्ष्मणगढ़ इलाके में कपड़े बेचने गए फेरी वाले से मारपीट कर पैसे लूट लिए गए। यह तो महज उदाहरण हैं।
सीकर जिले में इस तरह की वारदात लगातार हो रही है। ग्रामीण क्षेत्र में युवाओं के गिरोह इस तरह की वारदातें कर रहे हैं। पुलिस तक कुछ ही मामले पहुंच पाते हैं। कहीं डर और कहीं बदनामी के चलते लुटने वाला भी पुलिस तक नहीं पहुंच पाता।
ऐसे में पुलिस भी गंभीरता नहीं लेती। युवा अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए आए दिन वारदात कर रहे हैं। सदर इलाके में कबाडिय़ों से वारदात करने वाले आरोपितों से पूछताछ में भी इसी तरह का खुलासा हुआ है।
फेरी के रोजगार पर संकट
लगातार हो रही इस तरह की लूट की वारदातों ने फेरी लगाकर रोजगार करने वालों पर संकट पैदा कर दिया है। गांव-गांव घूम कर व्यापारी पशु खरीदते हैं। कपड़े और श्रृंगार सामग्री बेचने के लिए भी लोग साइकिल व छोटे वेचने के लिए जाते हैं। गांव के लोग भी इन्हें छोटा व्यापारी मानकर इन्हें सम्मान देते हैं।
पिछले कई वर्ष का रिकॉर्ड देखा जाए तो इन व्यापारियों के साथ कभी मारपीट व लूट की वारदात नहीं हुई। व्यापारियों का मानना है कि अब लगातार हो रही वारदातों के कारण उन्होंने ज्यादा पैसा अपने पास रखना बंद कर दिया है। लेकिन इस तरह की वारदातों के कारण हर समय संशय की स्थिति बनी रहती है।
बाइक की किश्त चुकाने के लिए लूट के लिए चुना कबाड़ी
किरड़ोली के बाद राजाना जोहड़ा के पास तीन कबाडिय़ों से लूट की वारदात करने वाले हेमंत और उसके साथी बेरोजगार है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि इन्होंने पिछले दिनों लोसल क्षेत्र के बाइक खरीदी थी। रोजगार के अभाव में वे बाइक की किश्त नहीं चुका पा रहे थे।
ऐसे में वारदात की फिराक में थे। राजू कबाड़ी ने लोहा खरीदा तो उसके पास करीब दस हजार रुपए थे। कबाड़ी के पास इतने पैसे देखकर इनका मन डोल गया। दूसरे दिन बड़ा कबाड़ देने का बहाना कर बुलाया। बाद में मारपीट कर पैसे छीन लिए। इसी तरह उन्होंने दो अन्य कबाडिय़ों को भी उसी जोहड़ में बुला कर मारपीट व लूट की वारदात को अंजाम दिया।
इनका कहना है....
कबाडिय़ों से लूट की वारदात करने वाले गिरोह में शामिल दो अन्य लोगों की तलाश की जा रही है। गिरफ्तार आरोपितों से पूछताछ में सामने आया है कि इन्होंने बाइक की किश्त चुकाने के लिए लूट की वारदात को अंजाम दिया था। डर के चलते दो दिन तक लुटने के बाद भी कबाड़ी पुलिस के पास नहीं पहुंचे थे।
-राजेन्द्र यादव, थानाधिकारी थाना सदर सीकर
Published on:
26 Dec 2017 01:49 pm
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