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सरकार से सीधी टक्कर के लिए माकपा का महापड़ाव कल, सभा में हो सकता है यह बड़ा फैसला

सीकर. छात्रसंघ चुनाव की मतगणना के दिन पुलिस के लाठीचार्ज मामले में माकपा ने आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है।

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सीकर

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Sachin Mathur

Sep 15, 2019

सरकार से सीधी टक्कर के लिए माकपा का महापड़ाव कल, सभा में हो सकता है यह बड़ा फैसला

सरकार से सीधी टक्कर के लिए माकपा का महापड़ाव कल, सभा में हो सकता है यह बड़ा फैसला


सीकर. छात्रसंघ चुनाव की मतगणना के दिन पुलिस के लाठीचार्ज मामले में माकपा ने आर पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। सोमवार से माकपा ने सरकार से सीधी टक्कर की घोषणा कर दी है। शुरुआत जयपुर रोड स्थित कृषि उपज मंडी से होगी। जहां माकपा, अखिल भारतीय किसान सभा और एसएफआई सहित विभिन्न संगठनों के जिलेभर के कार्यकर्ता महापड़ाव डालेंगे। भादरा विधायक बलवान पूनिया सहित प्रदेशभर के नेताओं की अगुआई में सभा का आयोजन होगा। जिसमें यह फैसला होगा कि आगे की रणनीति क्या रहेगी। हालांकि एक दिन पहले माकपा नेता और पूर्व विधायक अमराराम ने मांग पूरी नहीं होने तक पड़ाव जारी रहने की घोषणा कर दी है। सुत्रों की मानें तो सभा में समर्थन मिलने पर मंडी के बाहर या कलेक्ट्रेट पर पड़ाव डालने का फैसला भी लिया जा सकता है।

प्रेसवार्ता में पुलिस पर हमला
शनिवार को पत्रकार वार्ता के दौरान पूर्व विधायक अमराराम ने सरकार व पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि 19 दिन बीत जाने के बाद भी सरकार दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। पुलिसकर्मियों ने छात्राओं पर बर्बरता से लाठियां बरसा कर अपराध किया है फिर भी सरकार चुप बैठी है। प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चरमराई हुई है। प्रदेश में कोई सरकार रही ही नहीं है। उन्होंने कहा कि अब मजबूरन 16 को आर-पार की लड़ाई लडेंगे। हमनें प्रशासन को 7 दिन का समय दिया था, जो रविवार को समाप्त होगा। सोमवार को कृषि मंडी में बड़ी सभा का आयोजन होगा। जिसमें गांव-ढाणियों से काफी संख्या में लोग पहुंचेंगे। इस मौके पर माकपा के जिला सचिव किशन पारीक ने कहा कि जिले के 30 लाख लोग बेटियों के अपमान को बर्दाश्त नही करेंगे। उन्होंने कहा कि लगातार सरकार को मांग पत्र देने के बाद भी सरकार ने दोषियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।

आरोप एक और 22 थानों में एफआइआर
जिले में नौ सितंबर को हुए बंद का ऐलान करने वाले माकपा नेता और जक्का जाम करने वाले समर्थकों के खिलाफ 22 थानों में मामले दर्ज हुए है। एक एफआइआर में एक व्यक्ति का नाम दो बार लिखकर पुलिस क्या साबित करना चाहती हैं।