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बोर्ड की गलती से कटे अंक, पुनर्मूल्यांकन में बढ़े

नीमकाथाना. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की एक बड़ी लापरवाही का खामियाजा एक 12वीं कक्षा के छात्र को भुगतना पड़ा।

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सीकर

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Mukesh Kumawat

Jul 18, 2025

रसायन विज्ञान में 55 की जगह दर्ज हुए 45 अंक

अब 94.40 से बढ़कर 96.40 प्रतिशत हुए

नीमकाथाना. माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की एक बड़ी लापरवाही का खामियाजा एक 12वीं कक्षा के छात्र को भुगतना पड़ा। रसायन विज्ञान विषय में छात्र को वास्तविक रूप से 55 अंक प्राप्त हुए थे, लेकिन अंक प्रविष्टि (मार्क्स एंट्री) के समय गलती से 45 अंक दर्ज कर दिए गए। इस त्रुटि के कारण छात्र का कुल प्रतिशत 94.40 प्रतिशत ही रह गया। छात्र सोनू कुमावत ने परिणाम में असामान्यता देखते हुए स्कूल प्रशासन ने पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन किया, जिसके बाद सच्चाई सामने आई। पुनर्मूल्यांकन में पुष्टि हुई कि छात्र को रसायन विज्ञान में 55 अंक मिले थे। बोर्ड ने अंक सुधारने के बाद अब छात्र का संशोधित प्रतिशत 96.40 प्रतिशत हो गया है। इस गलती ने न केवल छात्र की मेरिट पर असर पड़ा, बल्कि संभावित करियर विकल्पों और शैक्षणिक अवसरों को भी प्रभाव पड़ा। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बोर्ड को इस तरह की त्रुटियों से बचने के लिए डबल चेकिंग सिस्टम अपनाना चाहिए, ताकि मेधावी विद्यार्थियों का भविष्य प्रभावित न हो।

झेलना पड़ा मानसिक तनाव: छात्र

छात्र सोनू कुमावत ने कहा अपने पेपर राइटिंग पर पूरा विश्वास था। जब अंक कम आए तो तुरंत पुनर्मूल्यांकन करवाया और सच्चाई सामने आ गई। अब असली नंबर मिलने से संतोष है, लेकिन इस दौरान जो मानसिक तनाव झेलना पड़ा वह भी कम नहीं था। इस पूरे घटनाक्रम ने बोर्ड की अंक प्रविष्टि प्रणाली की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों और अभिभावकों की मांग है कि ऐसे मामलों में जिम्मेदारी तय की जाए और आवश्यक सुधार सुनिश्चित किए जाएं।