ये हैं 10 प्रमुख मांग
1 किसानों की संपू्र्ण कर्जमाफी
राजस्थान के सभी किसानों के सभी तरह के कर्ज माफी की मांग सबसे प्रमुख है। हालांकि राजस्थान सरकार ने बजट 2018 में प्रदेश के किसानों के सहकारी बैंकों से लिए 50 हजार तक के ऋण माफ करने की घोषणा की थी, मगर हनुमान बेनीवाल की मांग सम्पूर्ण कर्ज माफी की है।
2 स्वामीनाथन की रिपोर्ट लागू करें
स्वामीनाथ आयोग ने किसानों के पक्ष में कई सिफारिशें की हैं, जिन्हें लागू किया जाए तो किसानों को उनकी फसल उचित मूल्य मिल सकता है। ये मुद्दा भी हनुमान बेनीवाल की मांगों में शामिल है।
3 राजस्थान टोलमुक्त
राजस्थान में सरकार ने सभी स्टेट हाईवे को टॉल मुक्त कर रखा है। विधायक हनुमान बेनीवाल की मांगों में यह भी शामिल है कि पूरा राजस्थान टॉल मुक्त हो।
4 बेरोजगारी भत्ता 10 हजार रुपए
हनुमान बेनीवाल की चौथी मांग है कि राजस्थान में बेरोजगारी भत्ता बढ़ाया जाए। राजस्थान में अभी बेरोजगारी भत्ता करीब 15 रुपए मिलता है। हनुमान बेनीवाल की मांग इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए करवाने की है।
5 युवाओं को रोजगार
हनुमान बेनीवाल की मानें तो प्रदेश में रिक्त पड़े 4 लाख पदों पर भर्तियां हों। ताकि बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिले। यह पांचवीं मांग है।
6 प्रत्येक खेत के अंदर सिंचाई का पानी हो
किसानों के लिए लडऩे वाले हनुमान बेनीवाल की छठी मांग है कि किसानों के खेतों में सिंचाई का पानी उपलब्ध हो। ताकि किसानों को सिंचाई के समय इधर-उधर ना भटकना पड़े।
7 किसानों को मुफ्त बिजली
गांव-गांव, ढाणी-ढाणी बिजली पहुंचे। सिंचाई के समय बिजली की सबसे ज्यादा जरूरत होती है और उसी समय कटौती होने से किसान ठीक से खेतों की सिंचाई नहीं कर पाते। किसानों को मुफ्त बिजली मिले।
8 शहीद का दर्जा मिले
हनुमान बेनीवाल की प्रमुख मांगों में से एक है मिलिट्री के जवानों की तरह ही पैरामिलिट्री और पुलिस के जवानों को शहीद का दर्जा मिले।
9 भूमिहीन किसानों के लिए जमीन के पट्टे
किसानों के पास खेती ही उनका प्रमुख रोजगार होता है। ऐसे में जमींन न होने से रोजी-रोटी का संकट किसानों के लिए पैदा हो जाता है। बेनीवाल की मांग है कि जिन किसानों के पास जमींन नहीं है सरकार उन्हें पट्टे वितरण करे।
10 गांवों में वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था
गांव के लोग रोजगार के लिए शहरों की तरफ रुख करते हैं। अगर गांव में ही रोजगार उपलब्ध हो तो रोजगार के लिए शहरों की तरफ नहीं जाना पड़ेगा। हनुमान बेनीवाल की मांग है कि गांवों में युवाओं के लिए वैकल्पिक रोजगार की व्यवस्था हो।