
सीकर में आज से एसएमएस की तर्ज पर एमआरआई
सीकर. चुनावी साल आते ही सरकार ने शेखावाटी के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल की सुध ली है। कल्याण अस्पताल में अब मेडिकल कॉलेज की तर्ज पर एमआरआई 'मैग्नेटिक रिजोनेंस इमेज Ó मशीन की सुविधा गुरुवार से मिलने लगेगी। अस्पताल परिसर में ट्रोमा यूनिट के पास बने कक्ष में बुधवार को मशीन का इंस्टालेशन पूरा कर दिया गया। यह सुविधा मिलने से मरीजों का सटीक इलाज हो पाएगा। साथ ही इससे सीकर, चूरू, झुंझुनूं व नागौर जिले के हजारों मरीजों को उपचार के लिए जयपुर या बीकानेर नहीं जाना पड़ेगा। गौरतलब है कि करीब दो वर्ष पहले कल्याण अस्पताल में पीपीपी मोड पर एमआरआई मशीन लगाने के लिए एमओयू किया गया था।
इन्हें मिलेगी निशुल्क सुविधा
मशीन संचालक डा. युद्धवीर ने बताया कि निजी लैब पर सामान्यत एक एमआरआई के लिए पांच से सात हजार रुपए तक ले लेते हैं जबकि सीकर में पीपीपी मोड पर संचालित मशीन से यह जांच महज तीन से चार हजार रुपए में हो जाएगी। इसके अलावा एमआरआई की सुविधा बीपीएल, वरिष्ठ नागरिक, भामाशाह कार्ड धारक, आस्था कार्ड धारक, कैदी व एचआईवी पीडि़त को निशुल्क दी जाएगी।
900 से ज्यादा मरीज प्रभावित
एसके अस्पताल में सीकर, चूरू, झुंझुनूं, नागौर जिले के मरीज उपचार के लिए आते हैं। गंभीर परिस्थिति में मरीज की एमआरआई करवाई जाती है। सरकारी स्तर पर एमआरआई की सुविधा नहीं होने के कारण मरीजों को औसतन तीन से चार हजार रुपए निजी लैब में देने पड़ रहे हैं। एसके अस्पताल से ली गई जानकारी के अनुसार हर माह एसके अस्पताल से औसतन 80 मरीजों की एमआरआई करवाई जाती है। पिछले एक साल में 960 मरीजों को एमआरआई के लिए 25 लाख रुपए से ज्यादा की राशि निजी सेंटरों पर देनी पड़ी है। आवंटित कर दी थी। इसके बावजूद मशीन नहीं लगाई जा सकी है। हालांकि एमआरआई मशीन लगाने का एमओयू करीब एक वर्ष पहले हो चुका था।
बाजार से आधी दर पर मिलेगी सुविधा
कई बार रोगी के शरीर के उत्तकों में हो रहे रोग की पहचान नहीं हो पाती है। एमआरआई में एक्सरे, सोनोग्राफी व सीटी स्कैन की तुलना में स्पष्ट तस्वीरें ली जा सकती हैं। रोगी शरीर के उत्तकों की सभी एंगल के अनुसार तस्वीरें ली जाती है। यह तस्वीरें कम्पयूटर पर स्पष्ट नजर आती हैं और संबंधित रोग की पहचान हो जाती है। दावा है कि मल्टी कलर एमआरआई की रिपोर्ट मरीज को महज दो घंटे में मिलने लगेगी। अत्याधुनिक हाईस्पीड 1.5 टैस्ला मशीन से रिपोर्ट मिलने से मरीजों को स्टीक और समय पर इलाज मिलेगा। करीब सवा पांच करोड की लागत वाली इस मशीन से होने वाली जांच स्पष्ट आएगी जिससे मरीजों का सटीक इलाज हो पाएगा। साथ ही अस्पताल में आए गंभीर मरीजों को रैफर करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
Published on:
04 Jul 2018 06:22 pm
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