हत्या के बाद बन गया लोहे का कारोबारी
भगवान सिंह हत्याकांड के बाद आरोपी पोखरमल अरुणाचल भाग गया। वहां पर वह हार्डवेयर की दुकान पर काम करने लगा। इसके बाद वह लोहे का कारोबारी बन गया, लेकिन पुलिस की निगाह से नहीं बच पाया। पुलिस को इस मामले में नागवा के सुनील योगी की तलाश है। सुनील पर भी एसपी की ओर से पांच हजार रुपए का इनाम घोषित है।
हत्या के बाद ट्रेक्टर के बांध कर गांव में घुमाया था शव
नागवा गांव के भगवान सिंह की वर्ष 2005 में 27 मई को करीब साठ लोगों ने मिलकर हत्या की थी। आपसी रंजिश के चलते आरोपित भगवान सिंह के घर में घुस गए। भगवान सिंह बचाव के लिए छत पर चढ़ा तो उसे पकडकऱ छत से नीचे गिरा दिया गया। बाद में लाठियों और धारदार हथियारों से उसकी हत्या करने के बाद शव को ट्रैक्टर के पीछे बांधकर पूरे गांव में घुमाया। भगवान सिंह के भाई प्रभुसिंह ने इसका सदर थाने में मामला दर्ज करवाया था।
मामले में 11 आरोपियों को आजीवन कारावास
इस चर्चित हत्याकांड के मामले में न्यायालय ने सुरेन्द्र सिंह, जीवण सिंह, प्रहलादराम, नेमीचंद, भीवाराम, पूर्णमल, जयसिंह, डूंगर सिंह, नौरंगीलाल, पोखरमल भामू और अर्जुनराम को आजीवन कारावास की सजा सुना दी है। पोखरमल व सुनील योगी के गिरफ्तार नहीं होने पर इनके खिलाफ मामला पेडिंग रखा गया था। सदर थानाधिकारी करण सिंह ने बताया कि पोखरमल जिले के टॉप 10 अपराधियों की सूची में शामिल था।