
Nawalgarh Road: हर बैठक में मुद्दा बन रही नवलगढ़ रोड, फिर भी नहीं जाग रहे जिम्मेदार, 60 करोड़ के अटके प्रोजेक्ट
सीकर. शहर के नवलगढ़ रोड क्षेत्र के लोगों की राहत पर अफसरों की लापरवाही भारी पड़ती जा रही है। इलाके की जलभराव से लेकर जाम की समस्या के लिए पहले सीकर की जनता सरकार से बजट के लिए संघर्ष करती रही। लेकिन सरकार ने तीन प्रोजेक्टों के लिए लगभग 60 करोड़ का बजट स्वीकृत कर दिया। इसके बाद भी काम अटके हुए है। जिला परिषद की साधारण सभा से लेकर जिलास्तरीय जनसुनवाई की बैठक में नवलगढ़ प्रोजेक्ट के मुद्दे गूंज चुके है। इसके बाद भी अभी समाधान की कोई राह नजर नहीं आ रही है। इधर, जनसुनवाई की बैठक में पीसीसी अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा के पूरे मामले की जांच कराने के निर्देश के बाद जिला प्रशासन ने जांच कमेटी गठित करने की तैयारी कर ली है। इधर, प्रोजेक्टों में देरी की वजह से लोगों में आक्रोश बढ़ रहा है। इलाके के लोगों का कहना है कि यदि समय पर प्रोजेक्ट शुरू होते तो इस साल राहत मिल जाती। इलाके के लोगों ने लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की है।
ऐसे समझें अफसरों की लापरवाही को...पुलिया: डीपीआर को मंजूरी का इंतजार
इस प्रोजेक्ट के लिए बजट में 45 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था। अभी तक डीपीआर को मंजूरी नहीं मिल सकी। इस वजह से काम अटका हुआ है। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से नवलगढ़ पुलिया फोरलेन हो सकेगी। इससे नवलगढ रोड व पिपराली रोड इलाके के लोगों को जाम से मुक्ति मिल सकेगी।
ड्रेनेज: 13 करोड़ मंजूर, काम शुरू नहीं
नवलगढ़ रोड इलाके में बारिश के दिनों में जलभराव सबसे बड़ी समस्या है। सरकार के 13 करोड़ रुपए स्वीकृत करने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ है। यहां मुद्दा यह है कि जगमालपुरा इलाके के लोग इस प्रोजेक्ट के विरोध में है। इसलिए नगर परिषद अभी तक इस काम को शुरू नहीं करा सकी।
टूटी सड़क: राहत नहीं
ग्रामीण महाविद्यालय से बगिया होटल तक की फोरलेन सड़क के लिए 1.45 करोड़ का बजट स्वीकृत है। लेकिन एक साल से काम अटका हुआ है। खास बात यह है कि निविदा जारी होने के बाद भी काम शुरू नहीं हो सका है। यहां टूटी सड़कों की वजह से जलभराव भी हो रहा है।
पूरे मामले की कमेटी करेगी जांच
जनसुनवाई बैठक में नवलगढ़ रोड के प्रोजेक्टों का मुद्दा गूंजा था। इस मामले में जल्द जांच कमेटी गठित कर उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी। जांच के बाद ही सामने आएगा कि किस विभाग की क्या लापरवाही रही। वहीं कार्यकारी एजेन्सी को जल्द तीनों प्रोजेक्टों को शुरू कराने के निर्देश भी दिए गए है।
धारासिंह मीणा, अपर जिला कलक्टर, सीकर
दोषियों के खिलाफ हो कार्रवाई
सरकार ने नवलगढ़ रोड के विकास के लिए 60 करोड़ से अधिक के प्रोजेक्ट स्वीकृत कर दिए। लेकिन अधिकारियों की लापरवाही की वजह से एक काम भी शुरू नहीं हो सका है। सरकार को ऐसे लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए।
वेदप्रकाश शर्मा, स्थानीय निवासी
अस्थायी राहत के इंतजाम तो करो
एक साल में भी एक प्रोजेक्ट भी शुरू नहीं हो सका। नवलगढ़ रोड बस स्टैण्ड इलाके में फिर से पानी का भराव होगा। इसलिए नगर परिषद को अभी से अस्थाई इंतजाम की तरफ से काम शुरू कर देना चाहिए। नहीं तो स्थानीय लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पडेग़ा।
मदन बुरड़क, स्थानीय निवासी
टूटी सड़क की वजह से लोग परेशान
नवलगढ़ रोड इलाके की सड़क एक साल से टूटी हुई है। इस वजह से अब जलभराव भी होने लग गया है। स्थानीय लोगों ने काफी प्रयास किए तो बजट भी मिल गया। लेकिन सार्वजनिक निर्माण विभाग अभी तक काम शुरू नहीं करवा सका है। इससे इलाके के लोगों में काफी आक्रोश है।
हरीशसिंह शेखावत, स्थानीय निवासी
शिक्षानगरी की साख बिगाड़ रहे अफसर
शिक्षानगरी में कई राज्यों के विद्यार्थी अध्ययनरत है। नवलगढ़ रोड व पिपराली रोड इलाके में सबसे ज्यादा विद्यार्थी अध्ययनरत है। जलभराव की समस्या की वजह से शिक्षानगरी की साख खराब होती है। अफसरों की लापरवाही की वजह से सीकर की जनता कब तक परेशान होगी।
सुरेश कुल्हरी, स्थानीय निवासी
Published on:
21 May 2022 11:17 am
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