सीकर.
प्रदेश के महात्मा गांधी स्कूलों की व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी है। पिछले डेढ़ साल से सियासत में उलझे महात्मा गांधी स्कूलों को परीक्षा के बाद भी शिक्षक नहीं मिल सके है। इसका सीधा असर महात्मा गांधी स्कूलों के नामांकन पर पड़ने की संभावना है। इन स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए पिछले साल चयन परीक्षा हुई थी। परीक्षा के कई दिनों तक विभाग की ओर से परिणाम जारी नहीं किया गया। महात्मा गांधी स्कूलों में शिक्षकों की कमी की वजह से विद्यालयों में नए सत्र में शिक्षण व्यवस्था भी बेपटरी होगी। दरअसल, पिछली सरकारी ने फ्लैगशिप योजना में महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को शामिल किया था। लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद यह स्कूल सियासी निशाने पर आ गए। मौजूदा शिक्षामंत्री दिलावर ने कई बार इस मामले में पिछली सरकार पर आरोप लगाया बिना संसाधनों के ग्रामीणों व विद्यार्थियों पर अंग्रेजी माध्यम स्कूल थोप दिए गए।
तबादले नहीं, गृह जिलों में आने का जरिया
शिक्षा विभाग ने पात्रता परीक्षा पास शिक्षकों को उनके इच्छित जिलों की स्कूलों में नियुक्ति देने का प्रावधान कर रखा है। ऐसे में यह परीक्षा शिक्षकों के लिए गृह जिले में आने का अवसर भी है। यही वजह है भी कि करीब 17500 पदों के लिए आयोजित पात्रता परीक्षा के लिए 78 हजार से ज्यादा आवेदन हुए।
यह हो नवाचार तो चमके अंग्रेजी माध्यम स्कूल....
-महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल अभी संसाधनों के मामले में काफी फिसड्डी है। क्योंकि ज्यादातर अंग्रेजी माध्यम स्कूल हिन्दी माध्यम के भवनों में ही संचालित है।
-फिलहाल अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में ज्यादातर स्टाफ हिन्दी माध्यम का है, इनके लिए अलग से प्र शिक्षण भी नहीं कराया गया।
-प्री प्राईमरी स्कूलों में अभी खेल-खेल में पढ़ाई के लिए लर्निंग मैटेरियल का काफी अभाव है।
-अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के संचालन के लिए सरकार की नीति स्पष्ट नहीं।
अ भिभावकों का दर्द: यही हालात रहे तो टीसी कटाने पड़ेगी
निजी स्कूलों से टीसी कटाकर महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में बच्चों का दा खिला कराने वाले अभिभावक सुरेन्द्र कुमावत व अंकित सहारण का कहना है कि अच्छे संसाधन और अच्छे शिक्षक मिलने की उम्मीद में दा खिला कराया था। लेकिन अभी तक बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षकों की ही सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में अब अगले सत्र में टीसी कटाना मजबूरी हो गया है।
अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को बंद करना चाहती है सरकार
भाजपा सरकार की मंशा अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को संचालित करने की नहीं है। सरकार दो बार तो अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा करा चुकी है। जनाक्रोश की वजह से अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को संचालित करना अब सरकार की मजबूरी हो गई। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों को हमारी सरकार ने मॉडल स्कूलों की तरह संचालित किया था। सरकार यदि इन विद्यालयों में शिक्षक लगाकर संसाधनों की बढ़ोतरी नहीं करेगी तो क्रेज और कम होगा।
संदीप कलवानिया, प्रवक्ता, कांग्रेस
इधर, आज पदस्थापन आदेश जारी होने का दावा
महात्मा गांधी स्कूलों में शिक्षकों के पदस्थापन के मामले में राजस्थान शिक्षक संघ (राष्ट्रीय) के प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षा निदेशक आशीष मोदी से चर्चा की है। प्रदेशाध्यक्ष रमेशचंद पुष्करणा के नेतृत्व में हुई चर्चा में शिक्षक नेताओं ने काफी नाराजगी भी जताई है। विभाग के अधिकारियों ने तकनीकी कारणों की वजह से परिणाम में देरी होने की बात कही गई। इस मामले शिक्षक संघ राष्ट्रीय के पदाधिकारियों ने शिक्षा सचिव से भी बातचीत की है। विभाग का दावा है कि सोमवार तक परिणाम जारी होगा।
Published on:
23 Jun 2025 02:16 pm