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चिंकारा सैनिक कैंटीन में कार्डधारी को भी नहीं मिल रहा सामान, ये हैं वजह

चिंकारा कैंटीन में कार्ड का दुरुपयोग रोकने के लिए लगी बायोमेट्रिक मशीन ने सैनिक परिवारों की मुसीबत बढ़ा दी है

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सीकर.

चिंकारा कैंटीन में कार्ड का दुरुपयोग रोकने के लिए लगी बायोमेट्रिक मशीन ने सैनिक परिवारों की मुसीबत बढ़ा दी है। क्योकि कैंटीन से सामान लेने के लिए अंगूठे लगाना आवश्यक है। कई बुजुर्ग लोगों की हाथों की लकीरें उम्र के पड़ाव के साथ हल्की हो चुकी है। ऐसे में उनके अंगूठे के निशान मशीन में नहीं दिख रहे है। ऐसे में उनको कैटिंगन से बिना सामान लिए ही वापस जाना पड़ रहा है। वहीं जिन पूर्व सैनिकों ने संयुक्त कार्ड बनवाएं थे उनको भी कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।


लाइन और मशीन दोनों ले रही है परीक्षा
नई व्यवस्था के बाद अब कैटिंन की कतार और मशीन सैनिक परिवारों की परीक्षा ले रही है। हालत यह है कि घंटों कतार में लगने के बाद पता लगता है कि बायोमैट्रिक मशीन में अंगूठा ही पंच नहीं हो रहा। कई सैनिक परिवार कैटिंन अधिकारियों से मिन्नत भी करते है, लेकिन उनका कोई समाधान नहीं हो पा रहा है।

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कार्ड भी बना परेशानी का कारण
संयुक्त कार्डों में अगर पति-पत्नी में से किसी एक का अंगूठा एक बार लग गया तो दूबारा उसी को सामान मिलेगा। कैंटीन के अधिकांश कार्ड पति-पत्नी के संयुक्त रूप से बने हुए है। ऐसे में कंपनी के सॉफ्टवेयर में परिवर्तन होने पर ही इन परिवारों को राहत मिल सकती है।

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सिस्टम में जो दिक्कत आ रही है, उनका जल्द समाधान कराया जाएगा। कार्ड धारकों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। कई सैनिकों की शिकायत रजिस्ट्रर में दर्ज कर कैटिंन से सामान भी दिलाया जा रहा है। -कर्नल करण सिंह शेखावत, कैंटी प्रबंधक सीकर