सीकरPublished: Aug 12, 2021 06:53:32 pm
Suresh
इंशोरेंस कंपनियों ने किसानों का 12 लाख से ज्यादा का क्लेम अटकायाक्लेम के लिए चक्कर लगा रहे है किसानों के परिजनसीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक से जुड़ा है मामला
प्रीमियम लेने में आगे, क्लेम देने में पीछे
फतेहपुर. इंशोरेंस कंपनियां प्रीमियम जमा करने में तो आगे रहती है लेकिन क्लेम देने में पीछे हट जाती है। क्लेम के लिए कंपनियां लोगों को चक्कर लगवा रही है। ऐसा ही मामला फतेहपुर क्षेत्र से जुड़ें किसानों का सामने आया है। एचडीएफसी लाइफ इंशोरेंस कंपनी 23 से ज्यादा किसान परिवारों को क्लेम देने के लिए चक्कर लगवा रही है। इन किसानों का लाखों रुपए का क्लेम कंपनी के पास जमा है। जानकारी के अनुसार सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक से लोन लेने वाले किसानों का एचडीएफसी लाइफ इंशोरेंस में बीमा होता है। लोन देने के साथ ही किसान के खाते से ही जीवन सुरक्षा बीमा के लिए प्रीमियम जमा करवा दिया जाता है। जितनी राशि का लोन होता है उसके अनुपात में प्रीमियम जमा हो जाता है। लोन धारक की मौत होने पर कंपनी की ओर से क्लेम दिया जाता है। लेकिन सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक की फतेहपुर शाखा से जुड़े 23 किसानों की मौत हो गई उसके बाद उनके परिजन बीमा क्लेम के लिए रोजाना चक्कर लगा रहे है। लेकिन इनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
सरकार समझे किसानों की पीड़ा – थेथलिया
किसान यूनियन के अध्यक्ष मास्टर हरलाल सिंह थेथलिया ने बताया कि रोजाना चक्कर लगाकर किसान परेशान हो रहा है। 23 किसानों के 13 लाख से ज्यादा की राशि बाकी है। किसानों की विधवाएं जो बेसहारा है उन्हें राशि मिले तो संबल प्रदान होगा। कंपनी की हठधर्मिता के चलते सीकर जिले की सैकड़ों विधवा महिलाएं क्लेम का इंतजार कर रही है। जबकि बैंक द्वारा दो वर्ष पहले दावा किया हुआ है। फिर भी क्लेम की राशि नहीं मिल रही है। जल्दी ही बीमा क्लेम मंजूर नहीं होता तो आंदोलन किया जाएगा।
इन किसानों का बकाया है क्लेम
ओनाड़ सिंह, केसर देव, श्योपाल राम, रामचन्द्र, गुमानाराम, रामसिंह, आंनदीलाल, चन्द्रराराम, विद्याधर, हरदेवाराम, हरिराम, नेमीचन्द, रूकमा देवी, पोखरमल, इ्रदाज सिंह, शिव कुमार, मगन सिंह, गिरधारी सिंह, हरदेवाराम, रामकरण, महेन्द्र सिंह, गुलाब, परमेश्वर लाल की मौत हो गई। इनके नोमिनी को क्लेम राशि मिलनी है। उक्त राशि नहीं मिलने के चलते रोजाना बैंकों के चक्कर लगा रही है। किसी की मौत को तो दो वर्ष से ज्यादा का समय हो गया। ऐसे में इतने दिन तक राशि नहीं मिलने से परेशानी हो रही है।