
चमत्कार: राजस्थान के इस मंदिर के 108 खंभे आज तक नहीं गिन पाया कोई, चोरी होने पर लौट आती है मूर्तियां
सीकर.
राजस्थान के सीकर जिले में एक ऐसा मंदिर है, जो काफी चमत्कारी माना जाता है। यह मंदिर रैवासा गांव का श्री दिगंबर जैन भव्योदय अतिशय क्षेत्र स्थित मंदिर है। जो चमत्कारिक मूर्तियों के साथ अनूठे निर्माण की वजह से चर्चाओं में रहता है। विक्रम संवत 1205 में बने इस मंदिर में भगवान सुमतिनाथ की भूगर्भ से निकली मूर्ति चमत्कारिक मानी जाती है, तो मंदिर की बनावट भी अद्भुद है। कहते हैं कि यह मंदिर 108 पीलर पर खड़ा है। लेकिन, काउंट करने पर यह फिगर कभी नहीं आता। पत्रिका टीम भी जब रियलिटी चैक के लिए यहां पहुंची दो लोगों काउंटिंग में यह फीगर 109 व 111 आया। अतिशय क्षेत्र समिति अध्यक्ष दीपचंद काला ने बतँाया कि जैन मुनि सुधा सागर ने भी हर एक खंभे पर नारियल रखकर उन्हें काउंट करने की कोशिश की, तो वह भी 108 का आंकड़ा नहीं छू पाये।
चुराने पर वापस लौटी मूर्ति
मंदिर में मूलनायक भगवान आदिनाथ की मूर्ति आकाश से उतरी बताई जाती है। जबकि भगवान सुमतिनाथ की विराजित अतिशय यानी चमत्कारी मूर्ति 1951 में भूगर्भ से निकली थी। मंदिर से भगवान शांतिनाथ की दो मूर्ति चोरी हो चुकी है। जो एक मुंबई ओर एक नीमकाथाना से फिर से बरामद कर ली गई। जिन्हें भी चमत्कार ही माना जाता है।
दक्षिण भारत शैली का मंदिर, प्रदेश की पहली प्रतिष्ठा
मंदिर का निर्माण स्थानीय सेठ नथमल छाबड़ा ने करवाया था। जो पूरा दक्षिण भारत शैली में बना है। आकर्षक कलाकृतियों वाले मंदिर में गर्भ ग्रह शीश महल के रूप में विकसित है। प्राकृत भाषा में लिखे शिलालेख में मंदिर का इतिहास भी लिखा है। पास ही नशियां है। जहां भगवान चंद्रप्रभुु भगवान की प्रदेश की पहली पंचकल्याणक प्रतिष्ठा संपन्न हुई।
Published on:
03 Feb 2020 12:17 pm
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