
फसल बुवाई से पहले खाद-बीज की खुली पैकिंग से नमूने लेकर अब किसान भी जांच करवा सकेगा। वजह कृषि निदेशालय ने किसानों को खुली पैकिंग वाले उर्वरक की जांच सुविधा देने का निर्णय किया है। निदेशालय का मानना है कि कई बार दुकान पर मौसम की वजह से खुली पैकिंग वाले उर्वरक की गुणवत्ता कमजोर हो जाती है। किसानों को गुणवत्ता परक उर्वरक उपलब्ध कराने के लिए ऐसा पहली बार किया गया है इससे किसानों को खरीफ सीजन में फायदा होगा। निर्देशों के अनुसार सरकारी प्रयोगशालाओं को क्षमता के अनुरूप कम से कम दस प्रतिशत तक नमूने किसान से लेने होंगे। जबकि पहले कृषि विभाग के अधिकारी ही खाद-बीज के नमूने लेते थे। जिसकी रिपोर्ट के आधार पर ही नमूनों की जांच होती थी।
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अब ये होगा
किसान निर्माता कम्पनी से उर्वरक लेकर उसकी जांच उर्वरक जांच प्रयोगशाला जयपुर में करवा सकेगा। इसके लिए निदेशालय ने कृषि अधिकारियों को निर्देश दे दिए हैं। नमूनों की संख्या में किसानों के नमूनों का प्रतिशत तय होने से फसल की बुवाई से पूर्व ही परिणाम मिल जाएगा और किसान गुणवत्ता परक उर्वरक ही काम में ले सकेगा। गौरतलब है कि पूर्व में खुली पैकिंग वाले उर्वरक का विभाग नमूने नहीं ले सकता था। इसके अलावा नमूनों की जांच प्रक्रिया भी लम्बी होती है। इससे परिणाम आने तक बुवाई का समय निकल जाता था।
इनका कहना है
किसान खुद खाद-बीज के नमूनों की जांच करवा सकेगा। इससे बाजार में अमानक कृषि आदान की बिक्री की समस्या से कुछ निजात मिल जाएगी। -प्रमोद कुमार, उपनिदेशक, कृषि
Published on:
04 Jul 2017 01:20 pm
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