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थानों में पड़े अनाथों को नहीं मिल रहे ‘नाथ’

सीकर. पुलिस को थानों में खड़े लावारिस वाहनों के वारिस नहीं मिल रहे हैं। परिवहन कार्यालय से लेकर इटरनेट तक पर सर्च के बाद भी इन अनाथ वाहनों को नाथ नहीं मिल रहे हैं।

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सीकर

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Sachin Mathur

Nov 13, 2022

थानों में पड़े अनाथों को नहीं मिल रहे ‘नाथ’

थानों में पड़े अनाथों को नहीं मिल रहे ‘नाथ’

सीकर. पुलिस को थानों में खड़े लावारिस वाहनों के वारिस नहीं मिल रहे हैं। परिवहन कार्यालय से लेकर इटरनेट तक पर सर्च के बाद भी इन अनाथ वाहनों को नाथ नहीं मिल रहे हैं। पिछले दस वर्ष से लगातार बढ़ती लावारिस वाहनों की संख्या पुलिस के लिए भी परेशानी भरी हो गई है। ऐसे में पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद इस तरह के 771 वाहनों की फेहरिस्त तैयार कर थानों पर चस्पा करने के साथ बेवसाइड पर डाल दी है। इसके लिए तीन माह की छूट दी गई है। इसके बाद भी मालिक सामने नहीं आने पर धारा 38 राजस्थान पुलिस अधिनियम के तहत इन वाहनों की निलामी कर नया मालिक बना दिया जाएगा।

थानों में जब्त लावारिस वाहनों की स्थिति देखी जाए तो सर्वाधिक 85 फीसदी से ज्यादा बाइक है। इसके अलावा एसयूवी व बड़ी गाडिय़ां भी है। इनमें से अधिकतर वाहनों के फर्जी नंबर प्लेट लगी हुई थी। कई वाहनों के इंजन और चेचिस नंबर भी मिटे हुए थे। पुलिस ने परिवहन विभाग से इन वाहनों के मालिक का पता लगाने का प्रयास किया, लेकिन अधिकतर वाहनों के मालिक का पता नहीं चल पाया। कई वाहनों के मालिक का पता लगा, लेकिन वे पहले ही इसे बेच चुके थे। स्थिति यहां तक भी सामने आई कि कई वाहन मालिक इन वाहनों का इंश्योरेंस क्लेम उठा चुके थे। इंश्योरेंस कंपनी ने भी कबाड़ बन चुके इन वाहनों को लेने में कोई रूचि नहीं दिखाई। हर वर्ष बढ़ती गई संख्या थानों में जब्त लावारिस वाहनों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है। इसकी वजह यह है कि अज्ञात लावारिस मिलने पर पुलिस उसे जब्त कर थाने में खड़ा कर लेती है। बाद में मालिक के थाने आने की इंतजार किया जाता है। ऐसे में वाहन के मालिक की देरी से तलाश शुरू की जाती है। वाहन का निस्तारण नहीं हो पता और प्रत्येक वर्ष इनकी संख्या बढ़ती जाती है।

चोरी के वाहन का अपराध में उपयोग

पुलिस थानों में भीड़ बढ़ा रहे अधिकतर लावारिस वाहन चोरी के हैं। चोरी के वाहन का अपराधी अपराध में उपयोग कर वाहन को कहीं भी छोड़ देते हैं। पुलिस सीसीटीवी फुटेज के आधार पर वाहन को जब्त कर लेती है, लेकिन उसका असल मालिक नहीं मिल पता। मादक पदार्थ तस्करी, दुर्घटना, मोटर व्हीकल एक्ट तहत पकड़े गए वाहन को छूट जाते हैं, लेकिन लावारिस वाहनों को संभालने कोई नहीं आता। ऐसे में वाहनों की तादात बढ़ती गई। थानों में जगह की कमी, वाहनों का जमावड़ा देखकर पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप के निर्देश पर ऐसे वाहनों की थाना स्तर पर सूची तैयार की गई। वाहन कब, कहां पर मिला। उसके इंजन, चेचिस नंबर क्या है। साथ ही इसकी तलाशी के लिए क्या प्रयास किए गए। यह भी सूची में शामिल किया गया।