
बारिश से बढ़े एलर्जी, खुजली और फफोले के मरीज
मानसून की गर्मी और उमस भरा मौसम वायरल और फंगल संक्रमण के मरीज बढ़े हैं। अस्पतालों में स्किन एलर्जी, बुखार, हाथ पैर में दर्द, कालरा, डायरिया, पेट दर्द, जी मिचलाना, उल्टी, पेट में ऐंठन होना के बीमार आ रहे हैं। । शहर व ग्रामीण इलाकों से पिछले एक सप्ताह में अकेले कल्याण अस्पताल के चर्म रोग और मेडिसिन वार्ड की ओपीडी तीस से चालीस प्रतिशत तक बढ़ गई है। इसके अलावा बारिश के सीजन में मच्छर और कीट के पनपने के कारण भी शरीर पर फफोले व रेशैज वाले मरीज आ रहे हैं। मेडिकल कॉलेज के अधीन चिकित्सा संस्थानों में एक सप्ताह में 400 मरीजों ने ओपीडी में उपचार लिया है। 17 मरीजों को भर्ती किया गया है। निजी अस्पतालों व क्लीनिक के आंकडों को जोड़ा जाए तो यह आंकड़ा एक हजार से ज्यादा मरीजों तक पहुंच गया है।
इस कारण बढ़े चर्म रोग
बारिश के पानी में नहाने के कारण स्किन एलर्जी के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। गली में बह रहे बारिश के गंदे पानी में बच्चे नहाते हैं। उसके कुछ समय बाद ही उन्हें खुजली की शिकायत हो जाती है। ऐसे मौसम में बच्चों का खासतौर पर ध्यान रखने की जरुरत है। गंदा पानी स्किन इंफेक्शन का कारण बन सकता है।
बरतें सावधानी
चिकित्सकों के अनुसार बारिश के मौसम में पनपने वाली बैक्टीरिया संबंधी बीमारियों से बचने के लिए जरूरी है कि स्वच्छ खानपान के साथ साफ-सुथरे कपड़े पहने व इसके साथ ही आर्द्रता बढ़ने से शरीर को सूखा रखना जरूरी है। ऐसे में भीगने से बचें। किसी कारण से पानी में भीग गए हैं तो तत्काल शरीर को पोंछकर सूखे कपड़े पहने।
इनका कहना है
बदला मौसम त्वचा संक्रमण बढ़ाने के लिए एक आदर्श वातावरण है। इससे एक्जिमा, खाज, मुंहासे, जिल्द की सूजन, घमौरियां, मस्से, त्वचा पर चकत्ते, खुजली वाली त्वचा, मुंहासे के मरीज बढ़े हैं।
डॉ. जितेन्द्र भूरिया, चर्म रोग विशेषज्ञ
Published on:
19 Jul 2023 11:47 am
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