
अमर हमारा भाईचारा, जिसपर हमको नाज है....
घर-घर में गूंजा बापू
तेरा अमर संदेश।
तेरे चेले बने अधिकतर
देश सहित विदेश
दक्षिण अफ्रीका मानवता की
तूने अलख जगाई थी।
जोहन्स बर्ग में बापू ने
े सत्याग्रह सेना बनाई थी।।
कुली का अपमान संबोधन
हिंदुस्तानी सुनते थे।
े डंडों से पीटे जाने पर
अपना सिर फिर धुनते थे।।
गांधी तेरी आंधी आई
उड़ गए वहां से गोरे साब।
अत्याचार के अपरिमित
उनका चूका पूरा हिसाब।।
देश धरा पर संकट छाया
यहां भी छाया वही किरदार।
बापू तूने सत्य अहिंसा
उठाया वह तीखा हथियार।।
स्वराज्य दिलाया भारत मां को
अंग्रेज गए समुद्रों पार।
बापू के कर्मठ जीवन ने
कोटि कोटि जन किया उद्धार।।
दो अक्टूबर दो हजार बीस
डेढ़ सदी की सुखद समीर
तब चरण रज शीश चढ़ाता
सर्व समाज सहित महावीर
कविता: जग पर असीम उपकार किया
गोरे क्रूर जल्लादों ने
मानव को दास बना डाला
होश ठिकाने उनके आए
मोहनदास से पड़ा जब पाला।।
दक्षिण अफ्रीका गौरांगो को
पाठ पढ़ाया सबक सिखाया।
आततायी तेवर ठंडे कर
अजब-गजब वह दृश्य दिखाया।
इधर लकुटी कर में लेकर
फिरंगी राज को दूर भगाया
साथ यदि पचपन बरस पुरानी
दासता में स्वराज जगाया।।
बापू गांधी महात्मा तूने
कितना अनुपम काम किया
सात समुद्र पार परदेशों
भारत धारा का नाम किया।।
रचना: महावीर पुरोहित, इतिहासकार व वरिष्ठ पत्रकार
Published on:
02 Oct 2020 04:30 pm
बड़ी खबरें
View Allसीकर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
