
राज्य सरकार अब निजी स्कूलों पर भी कड़ा शिकंजा कसेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग की कमेटी अब समय- समय पर इन स्कूलों का निरीक्षण करेगी। जो आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश, स्टाफ का वेतन और फीस एक्ट की पालना सहित 14 बिंदुओं पर पड़ताल करेगी। राज्य सरकार की 100 दिवसीय कार्य योजना की समीक्षा बैठक में इस संबंध में फैसला हुआ है। जिसके तहत प्रारंभिक शिक्षा विभाग निदेशक सीताराम जाट ने जिला शिक्षा अधिकारियों व स्कूल संचालकों को दिशा निर्देश जारी किए हैं।
ये जांचेगी टीम
निरीक्षण के दौरान जांच कमेटी स्कूल संचालन समिति व ट्रस्ट के दस्तावेज व स्थिति, भूमि, भवन, अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र और आधुनिक भवन सुरक्षा प्रमाण पत्र, सभी मान्यता आदेश, संपत्ति, स्वच्छता संबंधी रिपोर्ट व स्थिति, गुड टच बेड टच कार्यक्रमों की स्थिति, तीन साल की सीए रिपोर्ट, एफडीआई, फीस एक्ट की पालना, फीस समिति के गठन व प्रस्ताव की प्रति, आरटीई एक्ट के तहत प्रवेश व पुनर्भरण की स्थिति, स्कूल के खिलाफ किसी भी तरह की लंबित व प्रस्तावित जांच, स्थाई व अस्थाई कर्मचारियों की नियुक्ति, उपस्थित, वेतन और अवकाश से संबंधित रिकॉर्ड, नामांकन, उपस्थिति, विद्यार्थियों के अनुपात में शिक्षक, कक्षा कक्ष, प्रयोगशाला, शौचालय, पुस्तकालय, रैंप व अन्य संसधान, कर्मचारी भविष्य निधि प्रमाण पत्र आदि की जांच करेगी।
तुरंत होगी मान्यता रद्द की कार्रवाई
निदेशक निजी स्कूल संचालकों को निरीक्षण के दौरान सभी दस्तावेज उपलब्ध करवाते हुए टीम का पूरा सहयोग करने के निर्देश दिए हैं। पूरे स्टाफ की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा है। चेतावनी दी है कि यदि कोई स्कूल जांच में सहयोग नहीं करेगा तो उसी समय से स्कूल की मान्यता समाप्ति की कार्यवाही शुरू कर दी जाएगी।
किसी भी स्कूल की हो सकेगी जांच
निदेशक ने कमेटी के निरीक्षण कार्यक्षेत्र भी तय किया है। जिसके अनुसार जांच कमेटी प्रदेश की किसी भी बोर्ड से मान्यता प्राप्त स्कूल का निरीक्षण कर सकेगी।
Published on:
27 Feb 2024 12:02 pm
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