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महात्मा गांधी के 10 हजार पदों से निजीकरण की शुरूआत

शिक्षा विभाग ने संविदा पर शिक्षकों की निकाली पहली भर्ती

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महात्मा गांधी के 10 हजार पदों से निजीकरण की शुरूआत

महात्मा गांधी के 10 हजार पदों से निजीकरण की शुरूआत

राजस्थान में संविदा के आधार पर भर्तियों की शुरूआत हो चुकी हैं। महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के लिए 10 हजार थर्ड ग्रेड शिक्षकों की भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया। लेकिन आरक्षण सहित अन्य विवादों की वजह से अब विभाग उलझ गया है। विभाग ने अब सभी जिलों से रिक्त पदों को लेकर जानकारी मांगी है। वहीं टीएसपी और नोन टीएसपी क्षेत्र को लेकर भी अलग-अलग जानकारी मांगी गई है। जिसमें 7140 लेवल प्रथम के पद हैं, 1430 पद गणित लेवल टू तथा 1430 पद अंग्रेजी लेवल टू के पदों पर भर्ती होगी।

जानकारी के अनुसार यह भर्ती अस्थाई रूप से एक साल के लिए होगी। राज्य सरकार संतोष जनक सेवा के आधार पर एक साल बढ़ा सकेगी, ये क्रम चलता रहेगा। 16900 रुपए मानदेय पर यह भर्तियां होंगी। जिसमें किसी प्रकार का डीए नहीं होगा। कोई वेतन वृद्धि नहीं होगी। किसी भी लेवल में पदोन्नति नहीं होगी। ना ही किसी प्रकार का मकान किराया भत्ता मिलेगा। 9 साल की सेवा पर मानदेय के 5 प्रतिशत के आधार पर 2 वेतन वृद्धियां दी जाएंगी। शिक्षक किसी भी प्रकार की क्षतिपूर्ति का दावा भी नहीं कर पाएगा।

बेरोजगारों के सपनों पर ग्रहण लगा
राज्य सरकार ने अभिभावकों की मांग पर प्रदेश में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की शुरूआत की। लेकिन स्कूल खुलने के 3 साल बाद भी सामान्य शिक्षा की हिंदी माध्यम स्कूलों के शिक्षकों से काम चलाया जा रहा हैं। मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा में इन स्कूलों के लिए अलग कैडर बनाने की बात करते हुए 10 हजार की नई भर्ती का उल्लेख किया। जिससे अभिभावक, बच्चे व बेरोजगार खुश हुए। बेरोजगारों के सपनों को पंख लग गए।

संविदा भर्ती की नियुक्ति प्रक्रिया
संविदा की इस भर्ती का नियुक्ति अधिकारी जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक शिक्षा (मुख्यालय) होगा। जिला स्तर पर रिक्त पदों का विज्ञापन भी जारी हो चुका है। जिला स्तर पर ही आवेदन लिए जाएंगे। शैक्षिक और प्रशैक्षिक योग्यता के अंकों की मैरीट और आरक्षण के आधार पर नियुक्ति दी जाएगी।

असंतुष्ट शिक्षक विद्यार्थियों को कैसे करेंगे संतुष्ट

सरकार ने बेरोजगारों के शोषण का नया तरीका ढूंढ लिया हैं। संविदा के आधार पर भर्तियों की शुरुआत हो चुकी हैं। बेगार के आधार पर अल्प वेतन की यह नियुक्तियां शिक्षा की गुणवत्ता को प्रभावित करेंगी। क्योंकि असंतुष्ट शिक्षक कभी विधार्थियों को संतुष्ट नहीं कर सकता। संगठन सरकार की नीति का समुदाय पुरजोर विरोध करेगा।

उपेंद्र शर्मा, प्रदेश महामंत्री, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)