
Pulwama Attack : राजकुमार की आंखों के सामने शहीद हो गए थे 40 जवान, धमाके की वो गूंज आज भी रूह को कंपा देती है
सीकर।
Pulwama Attack Anniversary : 'ऐ मेरे वतन के लोगों जऱा आंख में भर लो पानी' जो शहीद हुए हैं उनकी 'जऱा याद करो क़र्बानी'...। ठीक एक साल पहले जम्मू कश्मीर के पुलवामा ( Pulwama Attack 2019 ) में 14 फरवरी 2019 को हुए हमले ने देश को कभी ना भूलने वाला दर्द दिया था। सीआरपीएफ की बस पर आतंकी हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। सुरक्षाबलों पर यह अब तक सबसे बड़ा हमला था। पुलवामा अटैक की पहली बरसी पर आपको हमले का वो आंखों देखा हाल बताते हैं, जो सीकर के राजकुमार ने बयां किया। आज भी उस धमाके की गूंज रूह को कंपा देती है।
बाल-बाल बचे थे राजकुमार
इस आतंकी हमले में सीकर के थोई कल्याणपुरा निवासी राजकुमार झाझडिय़ा बाल-बाल बचे थे। उन्होंने जब आतंकी हमले का आंखों देखा हाल सुनाया तो दिल दहल उठा। वह बताते है कि उनकी आंखों के सामने 40 जवान शहीद हो गए। उन्होंने बताया कि पुलवामा के अवंतीपोरा इलाके में सेना के 78 वाहनों का काफिला गुजर रहा था। वे सेना की सबसे आगे चल रही गाड़ी में सवार थे। इसी दौरान तीसरी बस में जोरदार धमाका हुआ और बस के परखच्चे उड़ गए। सडक़ खून से सनी थी और इधर-उधर साथियों के शव पड़े थे।
अफरा-तफरी का माहौल बन गया। इसके बाद राजकुमार और उनके साथियों ने मोर्चा संभाला और घायल जवानों को बचाने लगे। वहां हाल रूह को झकझोर देने वाला था। हमले के बाद परिजनों का काफी बार फोन आया लेकिन नहीं उठाया। वे अपने साथियों की मदद करने में लगे हुए थे। फिर उन्होंने फोन उठाकर परिवार को बताया कि वह सुरक्षित है लेकिन अपने साथियों को खो दिया।
Published on:
14 Feb 2020 11:54 am
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