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विद्या सम्बल योजना पर उठे सवाल, कैसे होगा विद्यार्थियों को फायदा

नवंबर के पहले सप्ताह से स्कूलों को अतिथि शिक्षक मिलने की उम्मीद जगी

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विद्या सम्बल योजना पर उठे सवाल, कैसे होगा विद्यार्थियों को फायदा

विद्या सम्बल योजना पर उठे सवाल, कैसे होगा विद्यार्थियों को फायदा

स्कूलों में पद स्वीकृत न करने की सजा विद्यार्थियों को मिल रही हैं। विद्या संबल योजना की प्रक्रिया के तहत नवंबर के पहले सप्ताह से स्कूलों को अतिथि शिक्षक मिलने की उम्मीद जगी। इधर, बेरोजगार युवाओं के चहरे पर भी नौकरी की आस नजर आई। लेकिन शिक्षा विभाग के आदेश ने इस योजना को केवल औपचारिक बनाकर रख दिया है। शिक्षा निदेशालय के बाद मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी सीबीईओ को इस संबंध में पत्र लिखा है। इसमें बताया कि जिस स्कूल में किसी रिक्त पद से किसी दूसरे स्कूल के शिक्षक का वेतन दिया जा रहा है, तो उस पद को रिक्त नहीं माना जाएगा। ऐसे में जिन स्कूलों के रिक्त पदों से वेतन उठ रहा है, वो पद योजना के माध्यम से भी नहीं भरे जाएंगे।

व्याख्याता के पदों को नहीं मिली स्वीकृति
पिछले दो सत्र में नव क्रमोन्नत स्कूलों में व्याख्याता के दो पदों को वित्तीय स्वीकृति नहीं मिली हैं। ऐसी हालात में इन व्याख्याताओं का वेतन किसी दूसरे स्कूल के व्याख्याता के रिक्त पदों से उठ रहा हैं। सीकर जिले के सभी व्याख्याता रिक्त पदों से ही अपना वेतन उठा रहे हैं। दर्जनों व्याख्याता तो ऐसे है जिनका वेतन दूसरे जिलों की स्कूलों के रिक्त पदों से उठ रहा हैं।

सैंकड़ व थर्ड ग्रेड शिक्षकों के पदों पर भी असर
सैकंड ग्रेड के सैकंड़ों पदों की वित्तीय स्वीकृति नहीं मिलने के अभाव में उन अध्यापकों का वेतन भी किसी दूसरे स्कूल के वरिष्ठ अध्यापक के रिक्त पद से उठ रहा है। तृतीय श्रेणी अध्यापक जो महात्मा गांधी स्कूलों में पदस्थापित किए हैं। वहां पर पद स्वीकृत नहीं होने के अभाव में उन अध्यापकों का वेतन सामान्य शिक्षा के रिक्त पदों से आहरित किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में विद्या संबल योजना एक औपचारिकता नजर आ रही हैं। बच्चों के साथ भी यह अन्याय हैं।

बच्चों को मिल रही सजा
पद स्वीकृत न करने की गलती सरकार की और सजा बच्चों को मिल रही हैं। पदों की वित्तीय स्वीकृति न करने की सजा स्कूल के बच्चों को मिल रही हैं। ये बहुत ग़लत है, वेतन आहरित होने वाले रिक्त पद रिक्त ही रहेंगे। ये बेरोजगारों और स्कूल के साथ नाइंसाफी है।
विनोद पूनियां, जिलाध्यक्ष, राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत)