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राजस्थान के किसानों को मिलेगी बड़ी राहत, गांव में खेती होगी हाइटेक; हर ग्राम पंचायत में खुलेंगे ‘कस्टम हायरिंग सेंटर’

अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी गांवों में खेती को मजबूत करने के लिए सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने का निर्णय किया है।

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Substandard fertilizers seeds and medicines of branded companies found in MP

Substandard fertilizers seeds and medicines of branded companies found in MP- Photo- Patrika

Rajasthan Farmer News: राजस्थान सहित जिले के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी गांवों में खेती को मजबूत करने के लिए प्रदेश सरकार ने प्रत्येक ग्राम पंचायत स्तर पर कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने का निर्णय किया है। अच्छी बात है कि इन सेंटर पर किसानों को वाजिब किराए पर खेती के लिए अत्याधुनिक उपकरण मुहैया करवाए जाएंगे। सबसे ज्यादा इस योजना का फायदा लघु और सीमांत किसान को होगा। सेंटर्स से अब महंगे कृषि यंत्रों को किराए पर लेकर आधुनिक तरीके से खेती कर सकेंगे।

वहीं, कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर खुली क्रय विक्रय सहकारी समिति और किसान समूह को प्राथमिकता दी जाएगी। जहां क्रय विक्रय समिति या किसान समूह नहीं बने हुए हैं वहां कोई भी शख्स सेंटर खोल कर आजीविका कमा सकेगा। कृषि विभाग के अनुसार सीकर जिले में करीब डेढ दर्जन कस्टम हायरिंग सेंटर ही है जबकि जिले में पौने तीन लाख से ज्यादा किसान सीधे तौर पर खेती से जुड़े हुए हैं।

किसानों को होगा फायदा

खेती की जोत घटने के कारण लघु व सीमांत किसानों के सामने बुवाई और थ्रेसिंग के समय अक्सर कृषि यंत्रों की कमी होने लगती है। जिससे किसान समय पर अपनी खेती नहीं कर पाते हैं और लागत बढ़ जाती है। कई बार तो बारिश जैसी प्राकृतिक आपदा के समय किसान को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है। कस्टम हायरिंग सेंटर के जरिए इन किसानों को अब खेती किसानी के लिए लाखों की मशीनें खरीदने के बजाय कम किराए पर उपकरण मिल जाएंगे। जिससे खेती में आधुनिकता के साथ बुवाई और कटाई कर सकेंगे। वहीं मशीन के जरिए काम होने से खेती की लागत भी घट जाएगी।

ये मिलेंगे उपकरण

कस्टम हायरिंग सेंटर पर ट्रेक्टर, ड्रोन स्प्रेयर, चॉपसर, हार्वेस्टिंग मशीन, रोटावेटर, प्लाऊ, कल्टीवेटर, मल्टीक्रॉप थ्रेशर, सीड ड्रिल मशीन, पावर टिलर, रीपर कम बाइंडर, लैंड लेवलर, स्ट्रॉ रीपर, पेस्ट कंट्रोल स्प्रेयर, हैपी सीडर जैसे आधुनिक उपकरण अनुदान पर ले सकेंगे।

इनका कहना है

निदेशालय ने वीसी के जरिए जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत में कस्टम हायरिंग सेंटर खोलने के निर्देश दिए है। कस्टम हायरिंग सेंटर के लिए सरकार अनुदान दिया जाएगा। ग्राम पंचायत में सेंटर खुलने से किसान किराए पर आधुनिक मशीन लेकर खेती कर सकेंगे। वहीं रोजगार भी बढ़ेगा।

-रामनिवास पालीवाल, अतिरिक्त निदेशक कृषि खंड सीकर