
सीकर. पिछले दस साल से स्थायी नौकरी की राह देखने वाले सफाई कर्मचारियों की उम्मीदों को भी झटका लगा है। स्वायत्त शाासन विभाग ने आचार संहिता लगते ही लगभग 25 हजार पदों के लिए होने वाली सफाई कर्मचारियों को रोक दिया है। इससे प्रदेश के चार लाख से अधिक बेरोजगारों की उम्मीदों को झटका लगा है। सरकार की ओर से पिछले डेढ़ साल से सफाई कर्मचारियों की भर्ती के दावे किए जा रहे थे। कभी अन्य समाज के लोगों के भर्ती में आवेदन नहीं करने तो कभी बोनस अंकों की वजह से भर्ती प्रक्रिया उलझी रही। इसके बाद सरकार ने जैसे-तैसे ऑफलाइन आवेदन भरवाए तो मामला साक्षात्कार के पेंच में उलझ गया था।
सफाई कर्मचारियों को नियमित करने के लिए पिछले दस साल में दो बार आवेदन लिए जा चुके है, लेकिन अभी तक इनकी भर्ती की राह नहीं खुल सकी है। दूसरी तरफ नगर निकायों की संख्या लगातान बढ़ने और सफाई कर्मचारियों की संख्या में इजाफा नहीं होने की वजह से सफाई व्यवस्था पूरी तरह बेटपरी है। सरकार की ओर प्रदेश के 187 नगर निकायों में यह भर्ती की जानी थी। पहले चरण में सरकार की ओर से 13 हजार पदों पर भर्ती का दावा किया गया। सफाई कर्मचारियों की ओर से बाद में पदों की संख्या बढ़ाने की मांग करने पर 25 हजार पदों पर भर्ती का ऐलान किया था। इसके लिए प्रदेशभर में 16 अक्टूबर से आवेदन प्रक्रिया शुरू होनी थी।
अटकती भर्ती की वजह से ऐसे समझें परेशानी...
आबादी के अनुपात में सफाई कर्मचारी नाकाफी
प्रदेश की नगर निकायों में आबादी के हिसाब से सफाई कर्मचारी नाकाफी है। इस वजह से सफाई व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी है। कई नगर पालिका क्षेत्रों में तो तीन से चार दिनों में सफाई कर्मचारी पहुंचते है। इस मामले में जनप्रतिनिधियों के सामने भी आमजन का आक्रोश कई बार सामने आ चुका है।
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कब मिलेगी स्थायी नौकरी
सफाई कर्मचारी भर्ती के जरिए स्थायी नौकरी का इंतजार करने वाले रामचंद, कानाराम आदि ने बताया कि पिछले दस साल से इस भर्ती का इंतजार है। उनका कहना है कि नियमित भर्ती नहीं होने की वजह से संविदा के सहारे काम करना पड़ रहा है।
रोचक: बीटेक से लेकर बीए पास युवाओं ने किए थे आवेदन
सफाई कर्मचारियों की पहले चरण की भर्ती में बीटेक से लेकर बीए पास युवाओं ने भी आवेदन किया था। सामान्य श्रेणी के शिक्षित बेरोजगारों के आवेदन करने पर सफाई कर्मचारियों ने विरोध किया था। इस पर सरकार ने साक्षात्कार के अंक जोड़ दिए थे।
एक्सपर्ट व्यू: आखिरी समय पर भर्ती, इसलिए अटकी
सरकार की ओर से आखिरी समय पर आनन-फानन में कई भर्तियों की विज्ञप्ति जारी की गई। चिकित्सा विभाग की लगभग 20 हजार पदों की भर्ती के चयनितों को अब तक नौकरी नहीं मिली है। दूसरी तरफ सफाई कर्मचारियों की भर्ती भी अटक गई। ऐसे में आमजन को चार महीने तक और इंतजार करना पड़ेगा। वहीं बेरोजगारों के नौकरी के अरमान भी टूटे है। यदि सरकार की ओर से बजट के बाद ही भर्तियों को पूरा करने की रणनीति बनाई जाती तो आमजन के साथ बेरोजगारों को राहत मिल सकती थी।
महेन्द्र बाजिया, ढहर का बास
Published on:
02 Nov 2023 09:41 am
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