
संदीप हुड्डा सीकर. बॉलीवुड की फिल्मों में पुलिस की छवि को दबंग, सिंघम और राउठी राठौर के रूप में दिखाकर बॉक्स ऑफिस पर खूब धमाल मचाया गया है, मगर बात अगर रील लाइफ की बजाय रियल लाइफ की करें तो कई ऐसे पुलिस अधीक्षक (एसपी) हैं जिन पर फिल्मी पुलिस के इन किरदारों के नाम सटीक बैठ रहे हैं। इसका अंदाजा राजस्थान में कानून व्यवस्था व अपराध रोकने के आधार पर जारी रैंकिंग से लगाया जा सकता है।
राजस्थान के 40 के एसपी की रैंकिंग में सीकर के पुलिस अधीक्षक विनीत कुमार नीचे से तीसरे पायदान पर हैं। इस सूची में भरतपुर व जयपुर साउथ एसपी भी पूरी तरह से फेल रहे हैं और उनका नंबर तो विनीत कुमार से भी नीचे है।
अगर 12 महीने के औसतन स्कोर की बात की जाए तो ये ही तीन एसपी प्रदेश में ऐसे हैं जिनको पासिंग माक्र्स भी नहीं मिल रहे हैं। साथ ही प्रदेश के 40 में से 25 एसपी के माक्र्स 50 फीसदी से कम हैं।
जानकारी के मुताबिक स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो की तरफ से हर महीने प्रदेश में फील्ड में लगे सभी एसपी की कार्य मूल्यांकन रिपोर्ट जारी होती है। इस रिपोर्ट में प्रदेश के जिलों में लगे 40 एसपी का परफॉर्मेंस कार्ड जारी होता है।
इस रिपोर्ट में सीकर एसपी विनीत कुमार 38वें, भरतपुर एसपी अनिल टांक 39 वें और जयपुर साउथ एसपी योगेश दाधीच 40 वें नंबर पर हैं। सूची में कोटा ग्रामीण एसपी डॉ. राजीव पचार पहले नंबर पर हैं।
सबसे कम नंबर मिले हैं सीकर एसपी को
रैंकिंग में पार्ट ए व बी निर्धारित किए गए हैं। इनमें विभिन्न कैटेगरी के अलग नंबर निर्धारित हैं। पार्ट ए में सबसे कम नंबर सीकर एसपी विनीत कुमार को मिले हैं। इनको महज 6 नंबर मिले हैं, जबकि रंैकिंग में इनसे नीचे रहने वाले अनिल कुमार टांक व योगेश दाधीच को भी 8-8 अंक मिले है। लिस्ट में सबसे ऊपर रहने वाले राजीव पचार को 103 अंक मिले हैं। राजीव प्रचार झुंझुनूं जिले के रहने वाले हैं।
यह हैं प्रदेश में टॉप चार एसपी
पुलिस अधीक्षकों की रैंकिंग में कोटा ग्रामीण एसपी डॉ. राजीव पचार शीर्ष पर बने हुए हैं। कोटा शहर एसपी अंशुमन भोमिया अपनी अच्छी कार्यप्रणाली के चलते दूसरे नंबर पर हैं। तीसरे स्थान पर झालावाड़ एसपी आनंद शर्मा व चौथे स्थान पर बीकानेर एसपी सवाई सिंह गोदारा हैं।
इस तरह मिलते हैं नंबर
जिले की कानून व्यवस्था कैसी रही?, पुलिस ने अपराध रोकने के लिए क्या किया, जिले में अपराध का ग्राफ क्या रहा? किन किन वारदातों के खुलासे हुए? कितने परिवादों का निस्तारण हुआ? इन आधारों पर रैंकिंग तय होती है।
12 महीने की रैंकिंग में पासिंग माक्र्स भी नहीं
12 महीने के एवरेज स्कोर की बात की जाए तो सीकर, भरतपुर व जयपुर साउथ एसपी को पासिंग माक्र्स भी नहीं मिले। सीकर एसपी विनीत कुमार को 12 महीने के औसत स्कोर में 23.81, भरतपुर एसपी अनिल टांक को 13.86 व जयपुर साउथ योगेश दाधीच महज 3.09 प्रतिशत अंक मिले हैं।
इनका कहना है
एससीआरबी की ओर से हर महीने रैंकिंग जारी होती है। इसमें थानेवार,सर्किलवार और जिलेवार रैंकिंग तय होती है। जिले की रैंकिंग पुलिस से जुड़े हर काम को शामिल कर निर्धारित की जाती है। हर काम के इसमें अलग-अलग माक्र्स मिलते हैं। इसके लिए 18 पैरामीटर तय किए गए हैं। 12 महीने की रैंकिंग भी काम के आधार पर ही तय होती है।
पंकज कुमार चौधरी, एसपी एससीआरबी राजस्थान
Published on:
15 Oct 2017 06:02 pm
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