
प्रतीकात्मक तस्वीर
REET Exam 2025: राजस्थान में अगले महीने होने वाली रीट परीक्षा के लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के साथ जिला प्रशासन व शिक्षा विभाग ने तैयारी तेज कर दी है। हालांकि शिक्षा विभाग ने तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए अभी तक पदों की घोषणा नहीं की है।
रीट परीक्षा में प्रदेश के 15 लाख से अधिक अभ्यर्थियों के शामिल होने की संभावना है। शेखावाटी के दो लाख से अधिक युवा शामिल होंगे। परीक्षा में सफलता के लिए बेरोजगार भी दिन-रात जुटे है। पिछली रीट परीक्षा के दौरान हुई गलतियों से सबक लेते हुए बोर्ड हर कदम सख्ती बरत रहा है। ऐसे में इस साल होने वाली रीट परीक्षा में युवाओं को कई नवाचार भी देखने को मिलेंगे। इस बार व्यवस्थाओं का जिम्मा सीधे तौर पर जिला कलक्टरों को दिया गया है। कम समय में तैयारी को मजबूत करने के लिए पत्रिका टीम लगातार एक्सपर्ट से रूबरू कराएंगी जो अलग-अलग विषयों के टिप्स देंगे।
एक्सपर्ट का कहना है कि रीट परीक्षा तिथि ( Reet 2025 Exam Date ) में काफी कम समय है। इसलिए अब नए टॉपिकों को नहीं पढ़ना चाहिए। अब रिविजन पर फोकस कर रीट में बेहतर स्कोर हासिल कर सकते हैं। एक्सपर्ट का कहना है कि परीक्षा में सफलता के लिए समय प्रबंधन कला भी जरूरी है। इसके लिए अभ्यर्थियों को मॉडल प्रश्न पत्र भी ज्यादा से ज्यादा हल करने चाहिए, इससे आत्मविश्वास भी मजबूत होगा। रीट परीक्षा फरवरी में आयोजित होनी है।
सामजिक विज्ञान विषय में भूगोल विषय का काफी अहम रोल रहता है। एक्सपर्ट डॉ. हितेश शर्मा ने बताया कि सिलेबस को विश्व का भूगोल, भारत का भूगोल और राजस्थान का भूगोल विषय के हिसाब से बांटना होगा। इसके हिसाब से अब रिविजन करना चाहिए। यूनिट प्रथम में सौरमण्डल, भूकम्प, अक्षांश देशान्तर, पर्यावरण समस्या एवं समाधान, महासागरीय परिसंचरण, चक्रवात, प्रति चक्रवात, वायुदाब, वैश्विक पवन आदि से सात सवाल पूछे जाएंगे।
यूनिट द्वितीय में भारत के भूगोल की बात करें तो भौतिक स्वरूप, परिवहन, उद्योग व वनस्पति आदि टॉपिक से भी सात प्रश्न पूछे जा सकते है। यूनिट तृतीय राजस्थान भूगोल की बात करें तो जलवायु, मृदा, नदी-घाटी परियोजना, उद्योग खनिज के टॉपिक से छह सवाल पूछे जाएंगे। पुराने प्रश्न पत्रों को हल करना भी बेहतर रहेगा। इससे अभ्यर्थियों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।
रीट लेवल द्वितीय की परीक्षा का प्रश्न पत्र तीन भागों में बंटा रहेगा। इसमें पहला पेपर बाल विकास और शिक्षण विधियां 30 प्रश्नों का है। दूसरा और तीसरा पेपर लेंग्वेज-1 और लेंग्वेज-2 का होगा। इसमें हिंदी, इंग्लिश, संस्कृत, सिंधी, पंजाबी, उर्दू में से जो भी दो सब्जेक्ट लिए हैं।
उनसे भी 30-30 प्रश्न पूछे जाएंगे। इस तरह 150 में से 90 प्रश्न इन 3 सब्जेक्ट से रहेंगे। सामाजिक अध्ययन सब्जेक्ट लेने वाले अभ्यर्थियों से 60 प्रश्न इस पेपर में पूछे जाएंगे। जिन्होंने गणित और विज्ञान सब्जेक्ट लिया है, ऐसे अभ्यर्थियों का इस सब्जेक्ट में 60 नंबर का प्रश्न पत्र रहेगा। एसएस वालों को साइंस-मैथ और साइंस मैथ वालों को एसएस पेपर नहीं देना है।
रीट लेवल प्रथम परीक्षा में बाल विकास और शिक्षण विधियां, गणित, पर्यावरण अध्ययन इन तीन सब्जेक्ट से 30-30 नंबर के प्रश्न पूछे जाएंगे। इसी तरह भाषा प्रथम और भाषा द्वितीय में हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत विषय में से जो भी दो सब्जेक्ट लिए हैं, उनके भी 30-30 नंबर के प्रश्न पूछे जाएंगे। इस तरह 5 विषयों में 150 नंबर के प्रश्न आएंगे।
शिक्षा मनोविज्ञान से करें शुरुआत
एक्सपर्ट डॉ. हितेश शर्मा ने बताया कि किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए प्लानिंग बेहद जरूरी है। सबसे पहले भाषा और शिक्षा मनोविज्ञान से पढ़ाई की शुरुआत की जानी चाहिए। क्योंकि दोनों अवधारणात्मक हैं, जबकि बाकी विषय तथ्यात्मक है। जिन्हें आखिरी के वक्त पढ़ना चाहिए। क्योंकि तथ्यात्मक चीजों को जितना बाद में याद किया जाता है। वह उतनी ही याद रहती हैं।
टेस्ट सिरीज से बढ़ेगा मनोबल
एक्सपर्ट ने बताया कि किसी भी परीक्षा की सफलता में टेस्ट सीरिज का अहम रोल रहता है। क्योंकि इससे अभ्यर्थी का मनोबल बढ़ता है। एक्सपर्ट कहना है कि परीक्षा के अंतिम समय में जितनी ज्यादा टेस्ट सीरिज हल करेंगे उतनी ही तैयारी और मजबूत होगी। वहीं समय प्रबंधन सहित अन्य भी सीखने को मिलेगा।
जिनकी तैयारी पहले से उनका ही रिविजन
आखिरी समय में नया पढ़ने से बचना चाहिए। इस समय अब तक जो पढ़ा है उसे ही रिवाइज करना बेहतर रहेगा। रिवीजन करने से आत्मविश्वास पैदा होगा। जो परीक्षा के समय आपके बहुत काम का है।
Updated on:
22 Jan 2025 07:30 pm
Published on:
22 Jan 2025 07:14 pm
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