scriptरीट सिलेबस में 15 फीसदी बदलाव, ये रहेगा पैटर्न | REET syllabus changed 15 percent. this pattern will remain | Patrika News

रीट सिलेबस में 15 फीसदी बदलाव, ये रहेगा पैटर्न

locationसीकरPublished: Jan 13, 2021 11:11:37 am

Submitted by:

Sachin

प्रदेश में रीट 2021 के जरिए होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रम में पहली बार बड़ा बदलाव किया गया है।

रीट सिलेबस में 15 फीसदी बदलाव, ये रहेगा पैटर्न

रीट सिलेबस में 15 फीसदी बदलाव, ये रहेगा पैटर्न

(REET syllabus changed 15 percent. this pattern will remain) सीकर. प्रदेश में रीट 2021 के जरिए होने वाली तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के पाठ्यक्रम में पहली बार बड़ा बदलाव किया गया है। रीट प्रथम व द्वितीय लेवल के पाठ्यक्रम में 15 फीसदी तक बदलाव किया गया है। इसस प्रदेश के युवाओं को फायदा मिलने की संभावना है। प्रदेश के युवाओं की ओर से लगातार दो साल सिलेबस में बदलाव की मांग उठाई जा रही थी। पिछले सप्ताह शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने युवाओं की इस मांग पर मुहर लगा दी थी। अब रीट की नोडल एजेंसी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की ओर से जारी सिलेबस में बदलाव किया गया है। इस साल रीट परीक्षा 25 अप्रेल को प्रदेशभर में आयोजित होनी है। इससे पहले यह परीक्षा वर्ष 2018 में आयोजित हुई थी। परीक्षा के आवेदन 11 जनवरी से शुरू हो गए है।


ऐसे समझें रीट के पाठ्यक्रम में बदलाव को:

रीट प्रथम लेवल:
इस परीक्षा के प्रश्न पत्र के प्रथम खंड में बाल विकास एवं शिक्षा शास्त्र, खंड द्वितीय व तृतीय में दो भाषाओं (हिंदी, अंग्रेज़ी ,संस्कृत,उर्दू,पंजाबी,गुजराती,सिंधी आदि में से दो) के प्रश्न पूछे जाते हैं। इन तीनों खंडों में एक दो बिंदुओं को छोड़कर ख़ास बदलाव नहीं हुए हैं। लेवल प्रथम के पांचवे खंड पर्यावरण के पाठ्यक्रम में काफी बिंदु बदले गए हैं। पर्यावरण अध्ययन में राष्ट्रीय प्रतीक, राजस्थान के जिले, हस्तकला, आभूषण, विरासत (दुर्ग,महल,किले),चित्रकला, लोकोक्तियां, लोकदेवता,यातायात के संकेत, जल के गुण, स्त्रोत, प्रबंधन, कलात्मक जल स्त्रोत, सिंचाई व पेयजल स्त्रोत, सौर परिवार भारत के अंतरिक्ष यात्री, पर्वतारोहण की कठिनाइयां,औज़ार, महिला पर्वतारोही तथा सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आदि नए बिंदु जोड़े गए है।


रीट द्वितीय लेवल:

लेवल द्वितीय के विज्ञान के पाठ्यक्रम में सजीव एवं निर्जीव , पौधों के प्रकार, भोजन के स्त्रोत, यांत्रिकी कार्य , वायुमण्डलीय दाब , घूर्णन गति, तापमापी, गोलीय दर्पण एवं प्रतिबिम्ब,लेंस एवं प्रतिबिम्ब,प्रकाश का अपवर्तन, विधुत धारा ,विधुत परिपथ, विधुत धारा के ऊष्मीय चुम्बकीय व रासायनिक प्रभाव, चुम्बक एवं चुम्बकत्व,प्लास्टिक एवं पर्यावरण, पदार्थ के भौतिक व रासायनिक परिवर्तन,प्राकृतिक संसाधन,पर्यावरण प्रदूषण व नियंत्रण, जैव विविधता, अनुकूलन, कचरा प्रबंधन, कृषि पद्धतियाँ, राजस्थान में उगाई जाने वाली कृषि फसलें आदि नए बिंदु शामिल किए गए है। सामाजिक अध्ययन के अभ्यर्थियों हेतु पाठ्यक्रम में इतिहास विषय में जैन व बौद्ध धर्म, महाजनपद काल, राजस्थान के प्रमुख राजवंशों का इतिहास, 1857 की क्रांति में राजस्थान का योगदान, राजस्थान का एकीकरण, प्रजामंडल ,जनजातीय व किसान आंदोलन, प्रमुख व्यक्तित्व ,कला संस्कृति , स्मारक, चित्रकला , लोकनाट्य, लोकनृत्य, लोक देवता , लोक संत, लोक संगीत, संगीत वाद्ययंत्र, स्थापत्य कला , वेशभूषा, आभूषण, भाषाएं आदि शामिल किए है। राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में भारतीय संविधान का निर्माण एवं विशेषताएं, बाल अधिकार, बाल संरक्षण, लोकतंत्र में निर्वाचन एवं मतदाता जागरूकता, जिला प्रशासन एवं न्याय व्यवस्था आदि। भूगोल विषय के पाठ्यक्रम में अक्षांश देशांतर, पृथ्वी की गतियाँ, वायुदाब व पवनें, चक्रवात व प्रतिचक्रवात, सूर्यग्रहण व चंद्रग्रहण, पृथ्वी के जलवायु कटिबंध, पर्यावरणीय समस्याएँ व समाधान, भारत की मृदा ,खनिज व मानव संसाधन, राजस्थान की जलवायु, अपवाह तंत्र , झीलें, नहरें, नदी घाटी परियोजनाएँ, मृदा,वन तथा वन्यजीव, पर्यटन, अर्थशास्त्र में बीमा एवं बैंकिंग प्रणाली, भारतीय रिज़र्व बैंक , सहकारिता, शिक्षा शास्त्र में सूचना एवं संचार प्राद्योगिकी, सीखने के प्रतिफल आदि नए बिंदु जोड़े गए है।


प्रदेश के युवाओं को फायदा इसलिए

प्रदेश के युवाओं को राजस्थान कला संस्कृति के अलावा अन्य टॉपिक शामिल होने से काफी फायदा होने की उम्मीद है। दूसरे राज्यों के भी सैकड़ों अभ्यर्थी रीट में शामिल होंगे। ऐसे में बेरोजगारों का कहना है कि अन्य राज्यों के अभ्यर्थियों की राजस्थान के टॉपिक पर इतनी पकड़ कम समय में नहीं हो सकती है। इसलिए प्रदेश के युवाओं को भर्ती में पूरा फायदा मिलने की संभावना है।

एक्सपर्ट व्यू: भूगोल, इतिहास व कला संस्कृति में शामिल हुए नए टॉपिक
रीट परीक्षा के पाठ्यक्रम में राजस्थान के भूगोल, इतिहास व कला संस्कृति को ध्यान में रखते हुए काफ़ी नए बिंदु जोड़े गए है। इनको पढऩे के लिए अभ्यर्थियों को लगभग 100 घंटे की अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ेगी तभी पाठ्यक्रम को पूरा कर सकेंगे।

राजीव बगडिय़ा, राजकीय कला महाविद्यालय, सीकर


बेरोजगारों की मांग पर शामिल हुए नए टॉपिक

बेरोजगारों की ओर से लंबे समय से यह मांग उठाई जा रही थी। बेरोजगारों की मांग पर रीट प्रथम व द्वितीय लेवल के पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। इससे निश्चित तौर पर प्रदेश के युवाओं को फायदा मिलेगा।

गोविन्द सिंह डोटासरा, शिक्षा मंत्री

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