
सीकर. आरटीई (शिक्षा का अधिकार अधिनियम) के तहत निजी स्कूलों में निशुल्क पढ़ने की कमजोर आय वर्ग के 34 हजार 962 आवेदकों में से 27 हजार 170 बच्चों की उम्मीद टूट गई है। लॉटरी से बाहर होने व तय समय पर स्कूल में रिपोर्टिंग नहीं करने की वजह से इनका प्रवेश नहीं हो पाया है। लिहाजा पहले चरण में केवल 7792 बच्चे ही निशुल्क शिक्षण के पात्र बचे हैं, जिनमें भी 972 बच्चों के दस्तावेजों का सत्यापन बाकी है। हालांकि प्रवेश का अभी दूसरा चरण भी होगा, लेकिन उसमें चंद चुनिंदा खाली सीटों पर ही द्वितीय वरीयता के विद्यार्थियों को ही प्रवेश मिलेगा। लिहाजा कुल आवेदकों में से इस बार भी करीब 70 फीसदी से ज्यादा विद्यार्थियों का निशुल्क प्रवेश से वंचित होना तय माना जा रहा है।
आरटीई के तहत लॉटरी में चयन के बाद भी जिले के 2 हजार 249 विद्यार्थी निशुल्क प्रवेश से वंचित रह गए हैं। दरअसल, 15 अप्रेल तक के तय समय में ये स्कूल में रिपोर्टिंग नहीं कर पाए। चयनित 10041 बच्चों में से 7792 विद्यार्थियों की ही रिपोर्टिंग हुई। इनमें भी 915 विद्यार्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन अभी नहीं हो पाया है।
आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश सबसे ज्यादा पिपराली ब्लॉक में हुए हैं। यहां 138 निजी स्कूलों में हुए 9625 आवेदनों में से लॉटरी में 2272 बच्चों का चयन हुआ। इनमें से 1609 बच्चों की स्कूलों में रिपोर्टिंग के बाद 1294 बच्चोें के दस्तावेज सत्यापित हो चुके हैं। इसी तरह सबसे कम प्रवेश नेछवा में हुए। यहां 23 स्कूलों में हुए 901 आवेदनों में से 269 बच्चों का लॉटरी में चयन हुआ। इनमें से 234 बच्चों की रिपोर्टिंग के बाद 218 के दस्तावेज सत्यापित हो चुके हैं।
आरटीई के तहत निशुल्क प्रवेश का अभी दूसरा चरण 16 जुलाई से शुरू होगा, लेकिन उसमें भी चंद चुनिंदा सीटों पर ही प्रवेश होगा। 15 अगस्त तक के इस चरण में निजी स्कूलों की खाली रही सीटों पर लॉटरी में चयनित द्वितीय वरीयता के बच्चों को ही मौका मिल सकेगा।
आरटीई एक्ट के तहत निजी स्कूलों की 25 फीसदी सीटों पर आर्थिक, सामाजिक व शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े वर्ग के बच्चों को निशुल्क प्रवेश दिया जाता है। जिनकी फीस की बदले राज्य सरकार स्कूलों को पुनर्भरण राशि देती है। केंद्र सरकार के एक्ट के अनुसार निशुल्क प्रवेश कक्षा आठ तक होते हैं। पर राजस्थान में पिछली गहलोत सरकार ने कक्षा 12 तक के बच्चों का प्रवेश निशुल्क कर दिया था।
आरटीई के तहत जिले में लॉटरी से चयनित 10041 में से 7792 बच्चों की स्कूलों में रिपोर्टिंग हुई है। दस्तावेजों के सत्यापन की प्रक्रिया जारी है।
घीसाराम भूरिया, एडीईओ, जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग, सीकर।
Updated on:
24 Apr 2025 12:44 pm
Published on:
24 Apr 2025 12:43 pm
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