
पंचायतीराज विभाग के नियम बने मजाक
तबादला सीजन में पंचायतीराज विभाग के कायदे पूरी तरह मजाक बन गए है। जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की ओर से शुक्रवार को जारी तबादला सूचियों पर सवाल भी खड़े हो रहे हैं। जिले की कई ग्राम पंचायतों में कार्यरत 24 ग्राम विकास अधिकारियों के तबादले किए गए है। लेकिन जिला परिषद की प्रशासन एवं स्थायी स्थापना समिति के अनुमोदन के बिना ही तबादला आदेश जारी कर दिए हैं। रोचक यह है कि पहले भी बिना अनुमोदन के तबादला सूची जारी कर दी गई। जब कर्मचारी संगठन व कई जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया तो इस सूची को निरस्त कर दिया। अब फिर से इसी सूची को हरी झंडी दी गई है। पंचायती राज विभाग के नियमों के अनुसार ग्राम विकास अधिकारियों के तबादले जिला परिषद की प्रशासन एवं स्थायी स्थापना समिति के अनुमोदन के बाद ही किए जा सकते है। इसके बाद भी सीईओ ने शुक्रवार को 24 ग्राम विकास अधिकारियों के तबादले कर उन्हें दूसरी पंचायत समितियों में भेज दिया है। पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त उपायुक्त एवं उप शासन सचिव ने 22 फरवरी को पत्र लिखकर नियमानुसार तबादले करने के संबंध में निर्देश दिए थे।
आनन-फानन में जारी हुए आदेश
ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त उपायुक्त एवं उप शासन सचिव ने जिला परिषद के सीईओ को 22 फरवरी को पत्र भेजकर ग्राम विकास अधिकारियों के तबादले नियमानुसार कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे। सीईओ ने प्रशासन एवं स्थायी समिति के अनुमोदन करवाए बिना ही आनन फानन में 27 फरवरी को आदेश जारी कर ग्राम विकास अधिकारियों के तबादले कर दिए लेकिन अगले दिन से सीईओ ने प्रशासन एवं स्थायी स्थापना समिति की बैठक से अनुमोदन का हवाला देकर अपने ही आदेशों को निरस्त कर दिया था लेकिन अब 15 दिन बाद फिर से नियमों की अवहेलना कर सीईओ ने तबादले आदेश कर दिए।
तबादलों में शिथिलता 22 फरवरी तक ही
राज्य सरकार ने कर्मचारियों के तबादले के लिए 22 फरवरी तक ही शिथिलता दी थी। इसके बाद से प्रतिबन्ध प्रभावी है। सीईओ ने प्रतिबंध की अवधि में नियम विरुद्ध तबादले किए है। इस मामले को लेकर कर्मचारी संगठनों ने भी नाराजगी जताई है।
यह है प्रावधान
उच्च न्यायालय के अधिवक्ता संदीप कलवानिया ने बताया कि राजस्थान पंचायती राज अधिनियम 1994 एवं राजस्थान पंचायतीराज नियम 1996 के नियमों में ग्राम विकास अधिकारियों के तबादलों के लिए प्रावधानों निर्धारित किए गए है। जिले के भीतर स्थानांतरण करने के लिए नियम 289 में स्पष्ट प्रावधान है कि सबंधित जिला परिषद की प्रशासन एवं स्थायी स्थापना समिति के अनुमोदन के बाद ही तबादले किए जा सकते है।
Published on:
16 Mar 2024 01:15 pm
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