
सीकर : शास्त्री नगर के शैतान सिंह कविया ने भीख मांगकर खाने वाले एक 10 साल के मूक बच्चे को गोद लिया, फिर उस पर ऐसी मेहनत की कि चार महीने में ही वह बोलने व पढ़ने लगा। उन्होंने बीते 9 साल से कच्ची बस्ती के बच्चों को अशिक्षा व गरीबी से मुक्त कराने का बीड़ा उठाया हैं। श्रीकरणी प्राथमिक स्कूल के जरिए वे ऐसे बच्चों को मुफ्त शिक्षा शिक्षण दे रहे हैं जो भीख मांगने को मजबूर थे। उनके पढ़ाए कई बच्चे आईटीआई, बीफार्मा और नर्सिंग जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाकर अपना जीवन बदल चुके हैं।
पीएम मोदी भी मन की बात में कर चुके हैं जिक्र
इनका जिक्र पीएम मोदी भी मन की बात कार्यक्रम में कर चुके हैं। समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए वे दर्जनों गरीब परिवारों को सरकारी योजनाओं का लाभ भी दिलवा चुके हैं। रिटारयमेंट के बाद वर्ष 2014 में शैतान सिंह ने महज 15 बच्चों से करणी उच्च प्राथमिक विद्यालय की शुरुआत की थी। उनके विद्यार्थी थे भीख मांगने वाले और कचरा बीनने वाले बच्चे। झुग्गी बस्तियों में जाकर शैतान सिंह उन्हें पढ़ाते थे। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ने लगी, अकेले शैतान सिंह के लिए पढ़ाना मुश्किल हो गया इसलिए उन्होंने गृहिणियों की मदद लेना तय किया और काफिला बढ़ता गया।
शैतान सिंह के इन प्रयासों को देखकर आस-पास के लोगों ने भी उन्हें सहयोग देना शुरू कर दिया। कई संगठन भी उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रहे हैं। कोई बच्चों की किताबों का खर्च उठाता, तो कोई उनकी ड्रेस का। कुछ संगठन बच्चों स्किल डवलपमेंट की ट्रेनिंग दे रहे हैं।
Published on:
26 Jan 2024 01:44 pm
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