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प्रवेशोत्सव पर हावी रहेगा चुनावी शोर
सीकर. लोकसभा चुनाव को लेकर मतदान की तैयारी चल रही है, इधर शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में नामांकन बढ़ाने के लिए प्रवेशोत्सव के पहला चरण शुरू कर दिया है। 9 मई तक चलने वाले प्रवेशोत्सव के प्रथम चरण में सबसे बड़ी समस्या यह है कि प्रदेश में 29 अप्रेल व 6 मई को लोकसभा चुनाव होने है। ऐसे में अधिकांश शिक्षक चुनावी ड्यूटी में व्यस्त है। कई कक्षाओं की परीक्षा भी हाल में समाप्त हुई है। जिनके परिणाम जारी करने की तिथि भी शिक्षा विभाग ने आठ मई तय कर दी हैं। ऐसे में प्रवेशोत्सव की गतिविधियां कैसे संचालित होगी इसका जवाब शिक्षकों के पास नहीं है तो अधिकारी भी बचने का प्रयास कर रहे हैं। जिन शिक्षकों की ड्यटी चुनाव में नहीं लगी है उनके सामने चुनौती यह है कि वह तय समय में परिणाम जारी करने के लिए उत्तरपुस्तिकाओं की जांच करें या प्रवेशोत्सव के लक्ष्य हासिल करने के लिए अभियान चलाए।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रवेशोत्सव के दौरान नए बच्चों को स्कूल में प्रवेश कराने को लेकर अभिभावकों से सम्पर्क करना, शिक्षक-अभिभावक परिषद की बैठक करना, नामांकन रैली निकालना जैसे कई काम करवाए जाने हैं। प्राथमिक स्कूल के अधिकांश शिक्षकों की ड्यूटी लोकसभा चुनाव में लगी हुई है। जिले में 6 मई को मतदान होगा। ऐसे में प्रवेशोत्सव कार्य के लिए 14 में से शिक्षकों को महज छह से सात दिन का समय मिलेगा। जिले में कई विद्यालय एकल शिक्षक वाले हैं। उनके सामने भी परीक्षा परिणाम तैयार करने, वार्षिक रिपोर्ट तैयार करने जैसे काम हैं।
प्रथम चरण 26 अप्रेल से 9 मई तक चलेगा। इस चरण में बच्चों का प्रवेश करवाना से लेकर साधारण सभा, शिक्षक-अभिभावक परिषद की संयुक्त बैठक, प्रार्थना सभा में बच्चों का तिलकार्चन स्वागत सत्कार, विद्यालय परिसर की साज सज्जा, घर-घर संपर्क, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों एवं बच्चों के साथ रैली, मोहल्ला बैठक, स्थानीय प्रतिनिधि, सरपंच, वार्डपंच का संबोधन कराना, बालसभा, खेलकूद प्रतियोगिताएं बाल मेलों का आयोजन आदि का आयोजन करना है।
प्रवेश की आयु पर संशय
प्रदेश में सभी को शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए घर पर पढाई करने वाले बालकों को आयु के अनुरूप कक्षा आठवीं तक शपथ पत्र के आधार पर प्रवेश दिया जाता है। सरकारी स्कूलों में अधिक नामांकन के लिए प्रवेश उत्सव मनाया जाता है। प्रवेश उत्सव के आदेशों में 18 वर्ष की आयु तक के बालकों को स्कूल में प्रवेश देने के निर्देश दिए गए हैं। जबकि प्रारम्भिक शिक्षा निदेशक ने दिसम्बर 2018 में एक आदेश जारी कर 16 वर्ष से अधिक आयु के बालकों को कक्षा आठवीं तक प्रवेश नहीं देने के निर्देश दिए हुए हैं।
Published on:
27 Apr 2019 05:34 pm
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