scriptVIDEO : 18 हजार फीट पर माइनस 15 डिग्री में शहीद हुआ ये फौजी, शहादत के बाद परिवार ने भी दिखाई बहादुरी | Shaheed Sunil Yadav Family also Brave in Neemkathana sikar rajasthan | Patrika News

VIDEO : 18 हजार फीट पर माइनस 15 डिग्री में शहीद हुआ ये फौजी, शहादत के बाद परिवार ने भी दिखाई बहादुरी

locationसीकरPublished: Apr 21, 2018 05:07:03 pm

Submitted by:

vishwanath saini

सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर ने नीमकाथाना में शहीद सम्मान यात्रा की शुरुआत सुनील यादव की प्रतिमा स्थल से की है।

Sunil yadav neemkathana

सीकर.

कई फौजियों को बहादुरी विरासत में मिली होती है। उनकी रगों में ही बहादुरी का खून दौड़ रहा होता है। ऐसे ही एक फौजी थे सुनील यादव। राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना निवासी शहीद सुनील यादव का परिवार भी बेहद बहादुर है। इस परिवार ने बेटे की शहादत के बाद सरकार तक को झुका दिया। वो भी बार। पहली बार तो बेटे को शहीद का दर्जा दिलवाने और फिर उसकी प्रतिमा लगवाने के लिए। दोनों ही मांगों को लेकर शहीद के पिता सांवलराम व अन्य परिजनों ने सरकार के खिलाफ संघर्ष किया।

आज हम शहीद सुनील यादव का जिक्र इसलिए कर रहे हैं कि राजस्थान में शहीद सम्मान यात्रा निकाल रहे सैनिक कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष प्रेम सिंह बाजौर ने नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र में शनिवार को इस यात्रा की शुरुआत सुनील यादव की प्रतिमा स्थल से की है। बाजौर ने शहीद सुनील यादव के परिजनों से वार्ता कर उनकी समस्याएं भी सुनी।

sunil yadav

सुनील यादव को डेढ़ साल बाद माना शहीद

-नीमकाथाना की अभय कॉलोनी निवासी (जीडी) सुनील 18 अक्टूबर 2014 को भारत-चीन सीमा पर अरुणाचल प्रदेश के यांग्त्से सेक्टर में 18 हजार फीट ऊंची पहाड़ी पर माइनस 15 डिग्री तापमान में तैनात थे।
-सुनील यादव पहाड़ी पर पेट्रोलिंग कर रहे थे। इस दौरान ऑक्सीजन की कमी होने से उनकी मौत गई। तब सरकार ने फिजिकल कैजुलटी मानकर सुनील को शहीद का दर्जा नहीं दिया।
-इसके बाद सुनील यादव के परिवार ने उन्हें शहीद का दर्जा दिलवाने के लिए संघर्ष शुरू किया। काली दिवाली मनाई। प्रधानमंत्री, रक्षामंत्री और सेनाध्यक्ष तक से मुलाकात की।
-नतीजा ये रहा कि करीब डेढ़ साल मई 2016 में केेन्द्र सरकार ने माना कि सुनील यादव शहीद हुए थे। उनकी मौत को बैटल कैजुलटी मानकर शहीद का दर्जा दिया।
-शहीद माने जाने के बाद सुनील के परिवार ने उनकी प्रतिमा लगवाने के प्रयास शुरू किए।
-पिता सांवलराम व अन्य आठ दिन तक भूख हड़ताल पर भी बैठे।
-इसी साल अप्रेल में मुख्यमंत्री ने शहीद सुनील यादव की प्रतिमा का अनावरण किया।

sunil yadav with wife

23वें जिले में पहुंची शहीद सम्मान यात्रा
प्रेम सिंह बाजौर ने बताया कि सीकर जिला शहीद सम्मान यात्रा का 23वां जिला है। इसके बाद यह बाकी दस जिलों में पहुंचकर शहीद परिवारों से उनके हालात जानेगी और उनकी समस्याओं के संबंध में ठोस कदम उठाए जाएंगे। शहीद सम्मान यात्रा का उद्देश्य शहीद परिवारों के जमीन, नौकरी व अन्य मुद्दों से जुड़ी समस्याओं को सुलझाना और शहीद व उनके परिजनों को सम्मान देना है।

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