खाटूश्यामजी बना आस्था का सबसे बड़ा केंद्र
जिले का खाटूश्यामजी मंदिर प्रदेश में आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन गया है। अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि नव वर्ष पर यहां सबसे ज्यादा 15 लाख श्रद्धालुओं ने बाबा श्याम के दर्शन किए। इसके बाद जयपुर के गोविंददेवजी मंदिर में 8 लाख, मोती डूंगरी गणेश मंदिर में छह लाख, सालासर धाम में दो लाख, करौली के कैलामाता मंदिर में डेढ लाख, दौसा के मेहंदीपुरबालाजी मंदिर में 1.30 लाख, चित्तोडगढ़़ के सांवलिया सेठ के एक लाख श्रद्धालुओं ने धोक लगाई।
एक महीने में यूं आए पर्यटक
पर्यटन विभाग के अनुसार एक महीने में जिले में सबसे ज्यादा 20 लाख धार्मिक पर्यटक खाटूश्यामजी में आए। इसके बाद दो जाटी बालाजी मंदिर में 70 हजार, जीणमाता मंदिर में 60 हजार, हर्ष में 50 हजार, शाकंभरी मंदिर में 40 हजार तथा खंडेला धाम में 35 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।
17 करोड़ पर्यटक पहुंचे प्रदेश
प्रदेश में 2023 में करीब 17 करोड़ पर्यटक पहुंचे हैं। जिनमें से 15 करोड़ से ज्यादा लोगों ने धार्मिक स्थानों का दौरा किया है। इनमें सबसे ज्यादा श्रद्धालु खाटूश्यामजी पहुंचे हैं।
ट्यूरिस्ट अट्रेक्शन में अव्वल रह चुका है जिला
सीकर जिला 2022 में भी ट्यूरिस्ट अट्रैक्शन में अव्वल रह चुका है। राजस्थान पर्यटन विभाग के अनुसार अजमेर में 1.32 करोड़ के बाद 1.16 करोड़ पर्यटक इस साल सीकर में ही आए थे।
जयपुर को अकेेले टक्कर दे रहा खाटू
खाटूश्यामजी का धार्मिक पर्यटन अकेले जयपुर के पूरे पर्यटन को टक्कर दे रहा है। पर्यटन विभाग के सूत्रों के अनुसार 2023 में जयपुर में 1.10 करोड पर्यटकों ने विभिन्न पर्यटक स्थलों के दर्शन किए हैं। जबकि अकेले खाटूश्यामजी में इससे ज्यादा श्रद्धालु पहुंच चुके हैं।
एक्सपर्ट व्यू….
कोविड के बाद से ही धार्मिक स्थलों की तरफ लोगों का रुझान बढ़ा है। जिले के धार्मिक स्थलों तक पहुंच आसान होने के साथ सुविधाएं भी बढ़ी है। धार्मिक व अन्य पर्यटन स्थलों को विकसित कर पर्यटकों को और आकर्षित कर जिले को आदर्श पर्यटक स्थल बनाने का प्रयास किया जाएगा।
अनु शर्मा, सहायक निदेशक, पर्यटन विभाग
शेखावाटी में धार्मिक पर्यटन के हिसाब से अपार संभावना है। सरकार को यहां एयर टैक्सी सेवा के साथ शेखावाटी के सभी धार्मिक स्थलों के दर्शन कराने के लिए विशेष बस सेवा संचालित करनी चाहिए। हर्ष पर्वत पर रोपवे काफी लंबे अर्से से सपना बना हुआ है। इस दिशा में भी सरकार को प्रयास करने चाहिए।
अरुण भूकर, ट्यूर व पर्यटन मामले के एक्सपर्ट