पांच दिन बाद था रिटायरमेंट
चचेरे भाई प्रेम सुख भास्कर ने बताया कि राजेश कुमार भास्कर 2004 में आर्मी में भर्ती हुआ था। 2 जाट रेजिमेंट राजेश की श्रीनगर में तैनाती थी। वह एक माह के लिए बरेली गया हुआ था। 16 साल की सेवा पूरी करने के बाद वह 31 जनवरी को सेवानिवृत होने वाले थे। जिसके बाद वह घर लौटने वाला था। शुक्रवार शाम को सूचना मिली कि राजेश की हृदयाघात से मौत हो गई। रविवार को राजेश की पार्थिव देह घर पहुंची। राजेश की अचानक मौत से परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा।
पिता का उठा साया
राजेश की बड़ी बेटी निक्की 12 वर्ष की है, जबकि छोटी बेटी निधी 10 वर्ष की है। एक बेटा अंशु 7 साल का है। पत्नी सुबिता के साथ बच्चे जयपुर रहते है। राजेश की मौत के बाद तीनों बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया।
रिटायरमेंट के बाद घर आऊंगा
पिता रामनिवास गांव में ही खेती का काम करते है। वहीं माता पतासी देवी ग्रहणी है। राजेश 20 दिन पहले ही 15 दिन की छुट्टियों पर गांव आकर गया था। तब उसने कहा था कि वह रिटायरमेंट के बाद घर आ जाएगा। उनका एक छोटा भाई विकास है, जो खेती का काम करता है। वहीं एक बहन विनोद है जिसकी शादी हो चुकी है।