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हाथ में लठ लेकर सडक़ पर निकली यह लेडी कडंक्टर और फिर जो हुआ वो देखते रह गए लोग

SIKAR की यह महिला राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की कडंक्टर (लेडी कडंक्टर) है और निजी व लोक परिवहन बसों का विरोध कर रही है।

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Sikar lady conductor protest against Lok parivahan Bus

Sikar lady conductor protest against Lok parivahan Bus

सीकर. लम्बी-चौड़ी कद काठी, चेहरे पर गुस्सा और हाथ में लाठी। सीकर के शहर में रोडवेज बस स्टेण्ड के आस-पास का यह नजारा देख एक बारगी तो लोग कुछ समझ नहीं पाए। शुरुआत में सबको यही लगा कि इस महिला के साथ किसी बदतमीजी की होगी, जिसकी वजह से इनसे लठ उठा लिया। लेकिन बाद में पता चला कि हाथ में लठ लेकर सडक़ पर निकली यह महिला राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की कडंक्टर (लेडी कडंक्टर) है और निजी व लोक परिवहन बसों का विरोध कर रही है।

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यह है पूरा मामला
-राजस्थान उच्च न्यायालय के निजी वाहनों के ठहराव संबंधी आदेशों की पालना करवाने के लिए रोडवेज कर्मचारियों के अभियान का असर नजर आने लगा है।
-रोडवेज कर्मचारियों ने निजी व लोक परिवहन की बसों को शहर में आने से रोकने के लिए मोर्चा संभाल लिया।
-इसके साथ ही प्रशासन का सिरदर्द भी बढ़ गया। रोडवेज के चालक व परिचालक अल सुबह से देर रात तक जयपुर रोड तिराहे पर खड़े हो जाते हैं।
-रोडवेज कर्मियों और लोक परिहवन बस वाले एक दूसरे उलझ रहे हैं। मंगलवार को रोडवेज संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले रोडवेज कर्मचारियों ने शहर में दूसरे दिन भी लोक परिवहन व निजी बसों को आने नहीं दिया।
-रोडवेज कर्मियों के अभियान से रोडवेज को फायदा होने लगा है। रोडवेज कर्मियों ने निजी व लोक परिवहन बसों को अंदर आने से रोका तो रोडवेज का यात्री भार बढ़ गया।
-इसके चलते दो दिन में सीकर डिपो को तीन लाख का फायदा हुआ। संघर्ष समिति के रामदेव टाकरिया ने बताया कि तीन लाख के राजस्व मेंं बढोतरी सीकर डिपो को हुई है।
-श्रीमाधोपुर व खेतड़ी आगार के कर्मचारी भी और राज्य के कर्मचारी भी इसी तरह मोर्चा संभाल ले तो रोडवेज की हालत सुधर सकती है। इसमें रोडवेज प्रबंधन और स्थानीय प्रशासन का भी सहयोग अपेक्षित है।


यह है न्यायालय का आदेश


राजस्थान उच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि रोडवेज बस डिपो के दो से पांच किलोमीटर के दायरे में निजी वाहन खड़े नहीं हो सकते हैं। इसी तरह जिला प्रशासन ने लोक परिवहन बसों व निजी बसों के लिए ठहराव स्थापित किए गए हैं तथा शहर में नो पाॢकंग जोन बनाए गए हैं। इसको लेकर रोडवेज संयुक्त संघर्ष समिति ने मंगलवार से अभियान शुरू किया है। इसके तहत रोडवेज कर्मी विभिन्न पोइंट पर खड़े हो गए और निजी व लोक परिवहन की बसों को अंदर आने से रोकने लगे।

रोडवेज वालों को पाबंद करने की मांग की


रोडवेज व लोक परिवहन बस संचालकों के बीच विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को लोक परिवहन बस संचालकों ने पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन देकर रोडवेज वालों को पाबंद करने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि सरकार के परमिट होने के बाद भी रोडवेज वाले उन्हें शहर में घुसने नहीं दे रहे हैं। वे उनकी बसों की हवा निकाल देते हैं और रोकने पर अभद्र व्यवहार करते हैं। इससे झगड़े की नौबत आ जाती है। ज्ञापन में एसपी से उचित कार्रवाई करने की मांग की गई है।