
प्रदेश में झुंझुनूं जिले के बाद स्वास्थ्य केन्द्रों पर सबसे ज्यादा स्टॉफ होने के बावजूद सीकर जिले में चिकित्सा सेवाओं की स्थिति खराब है। कई सीएचसी व पीएचसी पर संस्थागत प्रसव नहीं हो रहे हैं। दवाओं का स्टॉक होने के बावजूद चिकित्सक मरीजों को दवाएं नही लिख रहे हैं। चिकित्सकों व नर्सिंगकर्मचारियों की ऑनलाइन उपस्थिति नहीं हो रही है। यह तथ्य शनिवार को कलक्टे्रट सभागार में आयोजित जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में उभर कर आए। बैठक में पिछले माह हुई समीक्षा पर चर्चा हुई तो स्थिति में कोई सुधार नहीं मिलने पर चिकित्सा राज्य मंत्री बंशीधर खंडेला ने नाराजगी जाहिर की। उन्होंने चिकित्सा विभाग और जिला कलक्टर को सेवाओं को सुचारू करने के लिए रिव्यू करने और स्वास्थ्य केन्द्रों के औचक निरीक्षण के निर्देश दिए। बैठक में जिला कलक्टर नरेश कुमार ठकराल, एडीएम जयप्रकाश, सीएमएचओ विष्णु मीणा, डिप्टी सीएमएचओ डा. सीपी ओला, डा अशोक महरिया, डीपीएम प्रकाश गहलोत, पीएमओ डा एसके शर्मा, जनाना अस्पताल के प्रभारी डा. बीएल राड, डा मदन सिंह फगेडिया सहित जिले के ब्लॉक सीएमएचओ, चिकित्सक मौजूद रहे।
Must read:
प्रधानमंत्री मातृत्व दिवस की स्थिति
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व को लेकर कई स्वास्थ्य केन्द्रों की स्थिति खराब है। आरसीएचओ डा निर्मल सिंह ने कहा कि जिले में गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर लिया जाता है। लेकिन आयरन सुक्रोज को नहीं दिया जा रहा है। टीकाकरण को लेकर भी संस्थान प्रभारी गंभीर नहीं है। डिप्टी सीएमएचओ डा, बृजमोहन जाखड ने बताया कि भामाशाह योजना में अधिकांश अस्पताल पात्र मरीजों को सही पैकेज नही देते हैं इस कारण क्लेम निरस्त हो जाते हैं। प्रदेश में सीकर जिले की स्थिति तीसरे स्थान पर है। परिवार कल्याण में जिले की कई सीएचसी व पीएचसी पर एक भी प्रसव नहीं हो रहा है।
दवाएं हैं लेकिन चिकित्सक नहीं देते : डा. अशोक महरिया ने कहा कि चिकित्सकों की लापरवाही के कारण मरीजों को निशुल्क दवा योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। केन्द्र के स्टॉक में दवाएं होने के बावजूद कई चिकित्सक दवा को आऊट ऑफ स्टॉक बता देते हैं जिससे मरीज को दवा नहीं मिल पाती है। कई पीएचसी में ऑनलाइन स्टाफ की हाजिरी नहीं होती है। निरीक्षण के समय चिकित्सक व स्टाफ वर्दी नहीं पहनते हैं। इससे आम व्यक्ति और चिकित्सक का पता नहीं लग
पाता है।
Must read:
चिकित्सकों पर आरोप, खुद काम नहीं करते
बैठक में आने वाले अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर करते हुए एक चिकित्सक ने कहा कि यह सब हाल में सीएचसी व पीएचसी में क्रमोन्नत सब सेंटरों की स्थिति है। इन सेंटरों पर ढांचागत सुविधाएं नहीं है। एेसे में लक्ष्य हासिल करना तो दूर इलाज करना मुश्किल है। आप यहां बैठकर चिकित्सकों पर कटाक्ष करते हो लेकिन स्थिति है कि आप खुद कुछ नहीं करते हैं। इस पर एनएचएम के एक्सईएन ने कहा कि जिले की 17 पीएचसी में लेबर रूम बनाने के लिए टेंडर हो चुके हैं। शीघ्र ही काम करवा दिया जाएगा। कलक्टर ठकराल ने भी माइनिंग जोन में बने स्वास्थ्य केन्द्रों पर मोर्चरी बनाने के प्रस्ताव मांगे।
Must read:
मंत्री बोले... अतिरिक्त स्टाफ हटाओ
चिकित्सा राज्य मंत्री खंडेला ने जिले में संस्थागत प्रसव, टीकाकरण की स्थिति जानी तो एक चिकित्सक ने कहा कि दो कमरे का भवन है और स्टॉफ 15 का है। एेसे में कैसे लक्ष्य हासिल करे। इस पर चिकित्सा मंत्री बिफर गए और आप बरामदे बैठो लेकिन मरीज का इलाज और लक्ष्य तो हासिल करने पडेंगे। कलक्टर व सीएमएचओ को स्वास्थ्य केन्द्रों की ओपीडी, चिकित्सकों के स्वीकृत पदों की जानकारी लेकर अतिरिक्त स्टाफ को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोई सिफारिश नहीं चलेगी। सीएमएचओ को एेसे चिकित्सकों पर कार्रवाई के निर्देश दिए। रींगस अस्पताल की स्थिति को लेकर चिकित्सा मंत्री ने निर्देश दिए कि चिकित्सक के सीएचएचसी व पीएचसी पर रात्रि में नहीं ठहरने पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके लिए प्रभारी को जिम्मेदारी सौंपी।
Published on:
30 Jul 2017 11:23 am
