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सीकर में महिलाओं ने करवा चौथ पर पति को तोहफे में दिया हेलमेट

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Sikar Womens Gift Helmet to Husband on Karva Chauth 2018

Sikar Womens Gift Helmet to Husband on Karva Chauth 2018

सीकर. राजस्थान पत्रिका और युवा जागृति संस्थान की ओर से करवा चौथ के मौके पर अनूठा कार्यक्रम हुआ। पोलोग्राउण्ड स्थित विद्याश्रम पब्लिक स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं ने सुहाग के लिए सुरक्षा का संकल्प लिया। इस दौरान महिलाएं पति की सुरक्षा के लिए हेलमेट लेकर आई। महिलाओं ने चांद दिखने के बाद अपने पतियों को हेलमेट गिफ्ट किया। महिलाओं ने कहा कि लगातार सडक़ हादसे बढ़ रहे है।

ऐसे में यातायात नियमों की पालना आवश्यकत है। इसलिए पत्रिका की पहल पर यह कार्यक्रम किया गया। कार्यक्रम संयोजक मंजू लाटा ने बताया कि अभियान लगातार जारी रहेगा। इसके लिए विभिन्न मोहल्लों में महिलाओं को जागरूक किया जाएगा। इस मौके पर डॉ. सम्पति मिश्रा, डॉ. लीलावती शर्मा, माया झिनकारिया, राधिका पाण्डे, चन्दा शर्मा, यामिनी जैन व सविता टेलर सहित अन्य मौजूद रही।

मनाया मतदान जागरूकता उत्सव


सीकर. लॉयंस क्लब सीकर, सुरभि एवं अरावली पब्लिक स्कूल के तत्वाधान में महिलाओं ने करवा चौथ व मतदान जागरुकता उत्सव दोनों एक साथ मनाया। सुरभि अध्यक्ष मंजू अग्रवाल ने बताया कि कार्यक्रम की मुख्य अतिथि उपखंड अधिकारी सीकर गरिमा लाटा ने मतदान के लिए शपथ दिलाई। स्कूल निर्देशिका सुमित्रा सिंह व कार्यक्रम संयोजिका अल्का शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया।

देश को सबसे शहीद देने वाले शेखावाटी में वीरांगनाएं भी रखती हैं करवा चौथ का व्रत


सीकर. पति का साथ नहीं, फिर भी भागन है.. सुहाग साथ छोड़ गया, लेकिन सुहागन है..। सुहाग भी ऐसा जो अमर है और लाल चुनरिया के साथ माथे पर बिंदिया और मांग भरने का जिंदगीभर का हक दे गया। यह दास्तां है शेखावाटी की उन वीरांगनाओं की, जिनके पति देश के लिए जान देकर खुद अमर और अपनी वीरांगनाओं का सुहाग अमर कर गए। अब वही वीरांगनाए करवा चौथ के जरिए उन शहीदों की अमरगाथा की उम्र को बढ़ा रही है।

शनिवार को भी इन वीरांगनाओं ने करवा चौथ पर न केवल उपवास रखा। बल्कि, हाथों में मेहंदी से लेकर माथे पर बिंदी और मांग में सिंदूर लगाने तक का सुहागन का हर शृंगार किया। बात चाहे सीकर के सिंगडौला के शहीद बनवारी लाल की वीरांगना संतोष देवी की हो, झुंझुनूं के शहीद इन्द्रसिंह सैनी की पत्नी शारदा देवी, बागरियावास गांव के शहीद सुल्तान सिंह की पत्नी सजना देवी की हो या झुंझुंनू के मंडावा की वीरांगनाएं बरखा देवी और राजकुमारी हो।

सभी अपने शहीद पतियों की अमरगाथा करवा चौथ का व्रत रखकर अमिट करती नजर आई। दिनभर उपवास रख इनमें से किसी ने चांद का दीदार कर व्रत खोला, तो किसी ने शहीद पति की तस्वीर देखकर। सुहागिनों के हर शृंगार और निशानियों के साथ करवा चौथ की हर रस्म अदायगी ने हर किसी को इनके जज्बे को सलाम करने को मजबूर कर दिया।

जहन में जज्बा, आंखों में नमी

करवा चौथ पर पत्रिका संवाददाताओं ने वीरांगनाओं से बात भी की। इस दौरान पति की याद में नम होती आंखों के बीच वीरांगनाओं के जहन और जुबां पर फख्र का भाव भी नजर आया। वीरांगनाओं का कहना था कि कौन कहता है वह सुहागिन नहीं है। बहुत कम महिलाएं होती हैं, जिनको वीरांगना कहलाने का हक मिलता है। वह सौभाग्यशाली है कि उनके पति देश के लिए कुर्बान होकर हमेशा के लिए अमर हो गए।

वह कहती है कि करवा चौथ के दिन वह चांद में अपने पति का अक्स देखती है और उनकी तस्वीर देखकर व्रत खोलती है। 2000 में जम्मू कश्मीर में शहीद हुए बागरियावास के शहीद सुल्तान सिंह की वीरांगना सजना देवी का कहना था कि वह पिछले 17 वर्षों से सुहागन की तरह व्रत कर रही है और आगे भी आजीवन इस व्रत को निभाएगी।