
हर माह लाखों खर्च, नतीजा सिफर
सीकर. संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए हर माह लाखों करोड़ों रुपए खर्च करने के बावजूद जिले में प्रसूताओं को लाभ नहीं मिल रहा है। हाल यह है कि जिले में पिछले दो माह के दौरान कई चिकित्सा संस्थानों में एक भी प्रसव नहीं हुआ है। हकीकत यह है की सरकार चिकित्सा संस्थानों की प्रगति शून्य होने पर चार्जशीट तो देती है लेकिन ये चार्जशीट भी महज कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है। इसका नतीजा है कि सरकारी संस्थानों में मौजूद स्टॉफ और चिकित्सकों के हौंसले बुलंद रहते हैं। ऐसे में जिले में प्रसूताओं का रुझान सरकारी संस्थानों की बजाए निजी संस्थानों की ओर बढ़ता जा रहा है। इधर सरकारी चिकित्सकों के मुख्यालय पर नहीं रहने के कारण भी प्रसूता सहित परिजनों का विश्वास सरकारी संस्थाओं के प्रति घटा है।
फैक्ट फाइल
जिला मुख्यालय पर सरकारी जनाना अस्पताल में पिछले दो माह में सिजेरियन सहित 945 प्रसव हुए हैं। नीमकाथाना अस्पताल में 655 और अजीतगढ़ अस्पताल में महज 30 प्रसव हुए हैं। जिले की 30 सीएचसी में 550 प्रसव, पीएचसी मं 231 प्रसव ही हुए हैं। जबकि निजी अस्पतालों का आंकड़ा दोगुना से ज्यादा है। सबसे खराब स्थिति श्रीमाधोपुर ब्लॉक की है। जहां एक भी पीएचसी में प्रसव नहीं हुआ है। पिपराली में पांच, नीमकाथाना में 13, लक्ष्मणगढ में तीन, कूदन में नौ, खंडेला में 11, फतेहपुर में नौ और दांतारामगढ में सात संस्थाओं की प्रगति शून्य है। इन सभी को चिकित्सा विभाग ने नोटिस दिए हैं।
यहां एक भी प्रसव नहीं
फतेहपुर ब्लॉक के रोलसाबसर, पिपराली ब्लॉक, श्रीमाधोपुर ब्लॉक के महरोली और मऊ सीएचसी पर एक भी प्रसव नहीं हुआ। जबकि इन जगह पर्याप्त स्टॉफ और कई स्टॉफ तो डेप्यूटेशन पर लगा हुआ है। कमोबेश यही स्थिति पीएचसी की है। दांता ब्लॉक की बानूडा, डांसरोली, गोवटी, लामिया, पचार, उमाड़ा, जीणमाता, फतेहपुर ब्लॉक की बाटडानाऊ, बीबीपुर बड़ा, बलारां, दिसनाऊ, ढांढण, गारिंड़ा, हरसावा बड़ा, जालेऊ, कयामसर, खंडेला ब्लॉक में बामणवास सुजानपुरा, भादवाड़ी, गढ़भोपजी, गोरियां, गुरारा, हाथीदेह, होद, झाड़ली, कोटड़ी लुहारवास, नीमेड़ा, ठीकरिया, कूदन ब्लॉक में दूजोद, झीगर छोटी, काशी का बास, किरडोली, कुंडलपुरा, मांडोता, पलथाना, रसीदपुरा, सरवड़ी, लक्ष्मणगढ़ ब्लॉक में पालड़ी,सूठोठ, सूतोद, नीमकाथाना ब्लॉक के भगोठ, भूदोली, चला, दीपावास, डोकन, गणेश्वर, हसामपुर, लादी क बास, मावंडा खुर्द, प्रीतमपुरी, सांवलपुरा तंवरान, टटेरा, पिपराली ब्लॉक में बेरी, जुराठड़ा, राजपुरा, श्श्यिू, तारपुरा, श्रीमाधोपुर ब्लॉक में आभावास, डाबावाली, दिवराला, हांसपुर, जोरावरनगर, जुगराजपुरा, लिसाडिय़ा, मुंडरू, नांगल, सरगोठ पीएचसी है।
इनका कहना है
बार-बार निरीक्षण कर कम प्रगति वाली संस्थाओं के प्रभारियों को नोटिस दिए जाते हैं। कई बार तो संबंधित स्टॉफ को एपीओ कर दिया जाता है। लापरवाहों को दी गई चार्जशीट मुख्यालय स्तर पर भेजी जाती है। अंतिम निर्णय वहां से ही होता है। इस बार कम प्रगति वाली संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।- डॉ अजय चौधरी, सीएमएचओ सीकर
Published on:
19 Jun 2019 10:04 pm
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