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टिकट कटी…समर्थकाें के साथ रणनीति, मान-मनुहार का दौर तेज

ड्रेमेज कन्ट्रोल में जुटी पार्टी

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सीकर

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Ajay Sharma

Nov 04, 2023

बांसवाड़ा

राजस्थान का रण

भाजपा के खंडेला व सीकर सीट पर पत्ते खोलते ही खुलकर बगावत सामने आने लगी है। सीकर से भाजपा की टिकट नहीं मिलने पर नाराज उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल ने शुक्रवार को नवलगढ़ रोड स्थित मैरिज गार्डन में सभा की। सभा में भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष महेश शर्मा, उपाध्यक्ष राजकुमार जोशी, भाजयुमो जिलाध्यक्ष स्वदेश शर्मा सहित कई भाजपाई व जनप्रतिनिधी मौजूद रहे। जहां वक्ताओं ने निर्दलीय चुनाव लडऩे पर धायल का समर्थन करने की बात कही। हालांकि खुद धायल ने चुनाव लडऩे से इन्कार कर दिया। भावुक होकर बोले कि भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर वह बहुत दुखी हैं। कसम खाकर कहते हैं कि उनकी चुनाव लडऩे की स्थिति और इच्छा दोनों नहीं है। हालांकि लोगों के नारे लगाने पर उन्होंने एक रात का समय मांगते हुए शनिवार शाम तक इस पर अंतिम फैसला लेने की बात कही। इधर, सीकर व खंडेला में रूठो को मनाने के लिए भाजपा ड्रेमेज कन्ट्रोल की कोशिश में जुट गई है।

कार्यकर्ता बोले, अब कैसे टूटे पार्टी में उम्र का बंधन
उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल की सभा में कार्यकर्ताओं ने कहा कि एक तरफ पार्टी ने 75 पार से अधिक उम्र के नेताओं को टिकट देने की बात कही थी। जबकि सीकर में 76 वर्ष के व्यक्ति को टिकट दी गई है। वक्ताओं ने कहा कि आलाकमान ने कार्यकताओं की जनभावनाओं का अनादार किया है।


प्रदेश प्रभारी को बताया दर्द
श्रीमाधोपुर व धोद क्षेत्र के कार्यकर्ताओं को संबोधित करने आए भाजपा प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह से कई कार्यकर्ताओं ने टिकट वितरण को लेकर दर्द बताया है। हालांकि अरुण सिंह ने इसको सामूहिक फैसला बताया।

खंडेला: बाजिया की सभा पर निगाहें
इधर, खंडेला में सबकी निगाहें पूर्व चिकित्सा राज्यमंत्री बंशीधर बाजिया की रविवार को होने वाली सभा पर टिक गई है। भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय चुनाव लडऩे पर मंथन के लिए ये सभा बुलाई है। खंडेला के सियासी समीकरणों के लिए ये सभा बेहद अहम मानी जा रही है।

चुनाव लडऩे की इच्छा नहीं थी, ये अंतिम चुनाव: दीपेंद्र सिंह
नांगल(नाथूसर). पूर्व विधानसभा अध्यक्ष दीपेंद्र सिंह शेखावत ने टिकट मिलने की दास्तां भी बताई। बोले, इस बार स्वास्थ्य कारणों से वे चुनाव नहीं लडऩा चाहते थे। इसकी जानकारी भी उन्होंने आलाकमान को दी थी। पर अचानक दिल्ली से फोन आया कि सर्वे के अनुसार श्रीमाधोपुर से उन्हें ही चुनाव लडऩा है। इस पर आदेश का पालन करते हुए उन्हें मैदान में आना पड़ा। बोले, ये उनका अंतिम चुनाव है।