
VIDEO: कचरा बीनने वाले बच्चों का मुकद्दर संवार रही सुनीता, स्कूल के लिए भी बनावा चुकी है भवन
सीकर. मानवता से भरा मन व मजबूत मंसूबे हो तो मजलूमों का भी मुकद्दर बदला जा सकता है। इसी सोच व शिद्दत के साथ एक शिक्षिका पिछले चार साल से सबलपुरा पावर हाउस के पास स्थित कच्ची बस्ती के बच्चों की तकदीर शिक्षा के जरिए संवारने में जुटी है। राउमावि सबलपुरा में बतौर एल-1 शिक्षक नियुक्त सुनीता रैवाड़ इसके लिए कच्ची बस्ती में घर-घर जाकर बच्चों को एकत्रित करती है और फिर रोजाना दो से तीन घंटे उन्हें पढ़ा समाज की मुख्यधारा से जोडऩे की कवायद कर रही है। गुड टच- बैड टच सहित व्यक्तित्व निर्माण का प्रशिक्षण भी इस शिक्षा का हिस्सा है। आलम ये है कि कभी कचरा बीनकर और मांगकर पेट भरने वाले बच्चे भी अब अंग्रेजी की की किताबें पढऩे लगे हैं। अभावों से उबारने के लिए सुनीता पति सुरेश के साथ उनके परिवार के दस्तावेज तैयार करवाकर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने में भी मददगार बन रही है।
27 बच्चे ले रहे कक्षाएं, सरकारी स्कूल में भी प्रवेश
गोपीनाथ की ढाणी के पास स्थित कच्ची बस्ती में सुनीता के पास अभी 27 बच्चे पढ़ रहे हैं। स्कूल से अपनी छुट्टी के बाद सुनीता इन्हें शाम को दो से तीन घंटे पढ़ाती है। खास बात ये भी है कि सुनीता ने इनमें से ज्यादातर बच्चों का प्रवेश आसपास की सरकारी स्कूलों में भी करवा रखा है। ताकि बच्चे दिन में भिक्षावृत्ति या अन्य कार्य से ना जुड़ जाए।
बच्चों के लिए बनवा चुकी है भवन
नवलगढ़ रोड स्थित चरण सिंह गेट निवासी सुनीता राउमावि सबलपुरा स्कूल में अपने स्तर पर भवन निर्माण के अलावा अन्य सुविधाएं भी जुटा चुकी है। 2015 में मर्ज हुई स्कूल के बच्चों के बैठने की जगह नहीं होने पर सुनीता ने अपने वेतन से चार लाख रुपए खर्च कर बच्चों के लिए भवन तैयार करवा दिया था। बिजली व पानी का कनेक्शन करवाकर बगीचा भी तैयार करवाया। इसके अलावा म्यूजिक सिस्टम सहित करीब दो लाख रुपए से अन्य विकास कार्य भी वह करवा चुकी है। यही नहीं भामाशाहों को प्रेरित कर वह स्कूल में 17 लाख रुपए का विकास कार्य भी करवा चुकी है।
पांच बच्चों को लिया गोद, पति भी कर रहे सहयोग
मानवता की मिसाल पेश कर रही सुनीता ने पांच गरीब बच्चों को गोद भी ले रखा है। जिनकी पूरी पढ़ाई का खर्च उन्होंने अपने स्तर पर उठाने का संकल्प लिया है। उनके नेक काम में उनके रोडवेज डिपो में सीबीएस प्रभारी सुरेश रैवाड़ भी पूरा सहयोग करते हैं। बकौल सुनीता समाज सेवा का भाव उन्हें पिता से विरासत में मिला है। जिसे पति का प्रोत्साहन आगे बढ़ा रहा है।
Published on:
06 Oct 2023 11:14 am
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