रोचक बात यह है कि जिन सीटों पर पार्टी की हार का अंतर कम रहा है वहा से दुबारा मौका दिया गया है। शेखावाटी की 21 में से 20 सीट घोषित हो चुकी है एक सीट खंडेला को रोका गया है। पार्टी ने मंडावा सीट से ताल ठोकने वाले पूर्व प्रदेशाध्यक्ष चन्द्रभान की जगह पूर्व विधाययक रीटा चौधरी को टिकट दिया है।
Rajasthan Election 2018 : फतेहपुर में भाई को मिला टिकट
सीकर जिले की फतेहपुर सीट पर भी कांग्रेस हार गई थी। यहां कांग्रेस 3926 मतों से चुनाव हारी। ऐसे में पार्टी ने पूर्व विधायक भंवरू खां के भाई हाकम अली को टिकट दिया है। यहां से वर्तमान विधायक नंदकिशेार महरिया भी कांग्रेस से टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी ने भंवरू खां के भाई पर ही विश्वास जताया।
धोद विधानसभा क्षेत्र
पिछले चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी नोपाराम वर्मा ने यहां से महज 22507 वोट हासिल किए। जबकि भाजपा प्रत्याशी ने 45071 वोटों से जीत हासिल की। ऐसे में यहां से कांग्रेस ने नोपाराम वर्मा का टिकट काटकर पुराने चेहरे परसराम मोरदिया के नाम पर मुहर लगाई है। हालांकि पिछली हार के बाद से यहां नोपाराम वर्मा के बजाय परसराम मोरदिया ही सक्रिय थे।
नीमकाथाना विधानसभा क्षेत्र
नीमकाथाना में भी पिछले चुनाव में कांगेस की करारी हार हुई थी। यहां से पिछला चुनाव पूर्व विधायक रमेश खंडेलवाल ने लड़ा था। उनकी 34202 मतों से हुई हार के बाद पार्टी ने टिकट बदला दिया है। पहले खंडेलवाल को ही टिकट मिलना तय माना जा रहा था, लेकिन आखिरी समय में सुरेश मोदी को पार्टी ने टिकट दिया।
नवलगढ़ विधानसभा क्षेत्र
पिछले चुनाव में यहां से राजकुमार शर्मा ने कांग्रेस की प्रतिभा सिंह को हराया था। प्रतिभा सिंह 33566 मतों से चुनाव हारी थी। ऐसे में पार्टी ने इस बार फिर से प्रतिभा सिंह के बजाय राजकुमार शर्मा को टिकट दी है। यहां से अन्य दावेदार भी मैदान थे। लेकिन पार्टी आखिरी समय में पिछला चुनाव जीतने वाले पर ही भरोसा जताया।
मंडावा विधानसभा क्षेत्र
मंडावा विधानसभा सीट पिछले चुनाव की तरह इस बार भी काफी हॉट रही। पिछला चुनाव यहां से तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष चन्द्रभान ने लड़ा था। यहां प्रदेशाध्यक्ष 17118 मतों से चुनाव हार गए थे। ऐसे में कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक रीटा चौधरी को ही टिकट दी है।
उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र
कांग्रेस से पिछला चुनाव राजेन्द्र ने लड़ा था। लेकिन चुनाव 11 हजार से अधिक मतों से हार गए थे। ऐसे में कांग्रेस ने यहां से इस बार यहां से भगवानाराम सैनी को टिकट दी है।
खंडेला सीट : युवा के फेर में उलझी
खंडेला विधानसभा क्षेत्र से पिछला चुनाव पूर्व केन्द्रीय मंत्री महादेव सिंह खंडेला के बेटे गिर्राज सिंह खंडेला ने लड़ा था। वह लगभग 35394 मतों से चुनाव हार गए थे। इस बार के चुनावी रण में पूर्व केन्द्रीय मंत्री के अलावा एक युवा चेहरा भी है। आलाकमान दुबारा सर्वे करने में जुटा है।