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VIDEO: सबसे पहले 1952 में उठा था नीमकाथाना को जिला बनाने का मुद्दा

कर/नीमकाथाना. नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग को लेकर 70 वर्ष से कई तरह के जतन करते आ रहे क्षेत्रवासियों के संघर्ष की शुक्रवार को जीत हो गई। कस्बेवासियों ने राज्य सरकार का शुक्रिया जताया है। राजस्थान पत्रिका का अभियान नीमकाथाना बने जिला व विधायक सुरेश मोदी की जयपुर तक पैदल मार्च का प्रण पूर्णतया सफल हो गया।

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सीकर

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Mukesh Kumawat

Mar 18, 2023

VIDEO: सबसे पहले 1952 में उठा था नीमकाथाना को  जिला बनाने का मुद्दा

VIDEO: सबसे पहले 1952 में उठा था नीमकाथाना को जिला बनाने का मुद्दा

सीकर/नीमकाथाना. नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग को लेकर 70 वर्ष से कई तरह के जतन करते आ रहे क्षेत्रवासियों के संघर्ष की शुक्रवार को जीत हो गई। कस्बेवासियों ने राज्य सरकार का शुक्रिया जताया है। राजस्थान पत्रिका का अभियान नीमकाथाना बने जिला व विधायक सुरेश मोदी की जयपुर तक पैदल मार्च का प्रण पूर्णतया सफल हो गया। अपने हक को लेकर जनप्रतिनिधियों से लेकर आमजन 1952 से अब तक के सफर के बीच धरना प्रदर्शन से लेकर आमरण अनशन तक किया। सबसे पहले वर्ष 1952 में प्रथम विधायक रहे कपिल देव मोदी ने विधानसभा में प्रस्ताव भेजा था। 1986 में ओमप्रकाश सांई ने जिला बनाने का प्रचार शुरू किया। 1997 में पूर्व विधायक दिवंगत मोहनलाल मोदी ने जिले का मुद्दा उठाया। 2003 में झुंझुंनू की पूर्व विधायक सुमित्रा ने धरने पर बैठे सांई को आश्वसन देकर उठाया था। 2006-07 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा ने सभा की उस दौरान भी जिले का मुद्दा उठा। वर्ष 2006 में पूर्व सांसद दिवंगत किशन मोदी ने जिला बनाने पर सरकार को जमीन व पैसे देने का वादा किया था। वही वर्षो से विधायक सुरेश मोदी इस मांग को विधानसभा में उठाते आ रहे है।

कमेटी के सामने पेश की थी रिपोर्ट

नीमकाथाना को जिला बनाने की मांग को लेकर सीकर जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को प्रस्तावित खाके की रिपोर्ट तैयार कर भिजवाई थी। उस समय से ही क्षेत्रवासियों ने रिपोर्ट पर सरकार की मुहर लगने की ठान ली थी। प्रदेश में नए जिले बनाने के लिए सरकार की ओर से गठित की गई उच्च स्तरीय कमेटी परीक्षण के बाद विधायक मोदी ने लगातार पूर्व आइएएस राम लुभाया कमेटी के पास पहुंच कर अपनी रिपोर्ट पेश कर रहे हैं। इधर, नवीन जिला गठन कमेटी ने जिला कलक्टर को पत्र भेजकर 11 बिंदुओं पर मांगी तथ्यात्मक रिपोर्ट 29 सितंबर को आयोजित होने वाली बैठक में अतिरिक्त जिला कलक्टर अनिल महला ने पेश की। इस रिपोर्ट को तैयार करने में तत्कालीन उपखंड अधिकारी बृजेश कुमार ने भी पूरी मेहनत लगाई थी।

पैदल मार्च का प्रण

नीमकाथाना को जिला बनाने के लिए विधायक सुरेश मोदी ने अब नहीं तो कभी नहीं बनेगा नीमकाथाना का बड़ा प्रण लेकर नीमकाथाना से जयपुर तक स्वयं ने पैदल मार्च किया था। इस दौरान उनके पैरों में छाले तक हो गए, लेकिन उन्होने सीएम तक नीमकाथाना क्षेत्रवासियों की जिला की मांग रखने की बात ठानी। मोदी ने 2 जनवरी को सुबह नीमकाथाना से पूर्व आईएएस केएल मीणा, पीसीसी कोषाध्यक्ष सीताराम अग्रवाल, पूर्व पालिका अध्यक्ष त्रिलोक दीवान, उपाध्यक्ष महेश मेगोतियां, पीसीसी सदस्य सुमित मोदी, पीसीसी सदस्य कांता प्रसाद शर्मा सहित हजारों की संख्या में पदयात्रा शुरू की। जयपुर पहुंचने के बाद हजारों की संख्या में रैली निकाल कर 11 सदस्यों का दल सीएम तक पहुंचा था। उस समय मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी सकारात्मक दिखाई दिए थे।

सीकर के तीन व झुंझुनूं के दो उपखंड हो सकते हैं शामिल

सीकर जिला के 3 व झुंझुनूं के 2 उपखंड सहित 8 तहसीलें शामिल होने की नीमकाथाना जिले में संभावना जताई जा रही है। हालांकि सरकार द्वारा आगे की प्रकिया करने के बाद ही स्थिति साफ होगी। लेकिन अब राजस्थान के जिलों में नीमकाथाना का नाम भी ब्लॉक की जगह जिला की गिनती में आने लगेगा।

नीमकाथाना: प्रशासनिक ढांचे पर एक नजर

राज्य सरकार द्वारा घोषित नीमकाथाना जिला में अतिरिक्त जिला कलक्टर नीमकाथाना, पांच उपखंड कार्यालय नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर, खंडेला व झुंझुनूं का उदयपुरवाटी व खेतड़ी, सहायक कलक्टर कार्यालय नीमकाथाना, खंडेला, श्रीमाधोपुर, उदयपुरवाटी, तहसील कार्यालय नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर, खंडेला, पाटन, रींगस, खेतड़ी, उदयपुरवाटी, गुढ़ा, उपतहसील कार्यालय अजीतगढ़ शामिल होने की संभावना है। वहीं नीमकाथाना, श्रीमाधोपुर, खंडेला, पाटन,अजीतगढ़, खेतड़ी व उदयपुरवाटी प्रस्तावित नीमकाथाना जिला में आ सकता है।