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गांव ने लगातार चौथे पंचायत चुनाव का किया बहिष्कार, बैरंग लौटे चुनाव अधिकारी

locationसीकरPublished: Jul 19, 2021 04:28:19 pm

Submitted by:

Sachin

राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना के लादीकाबास के ग्रामीणों ने सोमवार को चौथे पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया।

गांव ने लगातार चौथे पंचायत चुनाव का किया बहिष्कार, बैरंग लौटे चुनाव अधिकारी

गांव ने लगातार चौथे पंचायत चुनाव का किया बहिष्कार, बैरंग लौटे चुनाव अधिकारी

सीकर/ टोडा. राजस्थान के सीकर जिले के नीमकाथाना के लादीकाबास के ग्रामीणों ने सोमवार को चौथे पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया। सोमवार को पंच व सरपंच के चुनाव के लिए चार बजे तक नामांकन होना था, लेकिन गांव से एक भी नामांकन दाखिल नहीं हुआ। इस दौरान ग्रामीण नामांकन स्थल के बाहर जरूर डटे रहे। पर लादीकाबास को फिर से पाटन पंचायत समिति में शामिल करने पर ही चुनाव करवानेे पर अड़े रहे। ऐेसे में दिनभर इंतजार के बाद आरओ रमेश कुमार सामोता को बैरंग लौटना पड़ा। गौरतलब है कि लादीकाबास ग्राम पंचायत में 25 जुलाई को उप चुनाव तय किए गए थे।

धरने पर बैठे रहे ग्रामीण
चुनाव का विरोध कर रहे ग्रामीण सोमवार को नामांकन स्थल के बाहर धरने पर बैठे रहे। जहां उन्होंने लादीकाबास को पाटन पंचायत समिति में शामिल करने की मांग की। वहीं, किसी भी ग्रामीण का नामांकन नहीं किया जाना भी सुनिश्चित किया। इस दौरान गिरधारी लाल, फूलचंद, सुणाराम, रूड़मल गुर्जर, रामकरण गुर्जर, ग्यारसीलाल, मालाराम, श्योराम आदि मौजूद रहे।

इसलिए है विरोध
लादीकाबास पाटन पंचायत समिति पहले पाटन पंचायत समिति में शामिल थी। जो गांव से 16 किमी की दूरी पर है। लेकिन, दो साल पहले लादीकाबास को अजीतगढ़ पंचायत समिति में शामिल कर दिया गया। जिसका मुख्यालय गांव से 55 किमी दूर होने पर वहां पहुंचना ग्रामीणों के लिए समय व रुपए दोनों लिहाज से ज्यादा खर्चीला है। जिसके चलते ग्रामीण लगातार ग्राम पंचायत को फिर से पाटन पंचायत समिति में शामिल करने की मांग कर रहे हैं। मांग पूरी नहीं होने तक हर चुनाव के बहिष्कार पर अड़े हैं।

लगातार चौथे चुनाव का बहिष्कार
लादीकाबास ग्रामीणों ने लगातार चौथे चुनाव का बहिष्कार किया है। इससे पहले ग्रामीणों ने पिछले साल 17 जनवरी को आयोजित होने वाले ग्राम पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया था। इसके बाद 10 अक्टूबर को तय उप चुनाव तथा एक दिसंबर को हुए पंचायत समिति व जिला परिषद चुनाव में भी हिस्सा नहीं लिया। अब 25 जुलाई के चुनाव के लिए भी नामांकन दाखिल नहीं कर सरकार की चुनावी कवायद को फिर झटका दे दिया है।

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