
टोल नाकों पर चल रही दबंगई के लपेटे में आम आदमी के साथ अब जनप्रतिनिधि भी आने लगे हैं। लक्ष्मणगढ़ इलाके के खूड़ी टोल नाके पर रविवार रात पूर्व विधायक दिलसुख चौधरी का कार्ड फेंक दिया गया। इतना ही नहीं इनके साथ टोल कर्मचारियों ने अभ्रदता की। मामला कुछ ही देर में तूल पकड़ गया। पूर्व विधायक समर्थक व टोल संघर्ष समिति के लोग टोल बूथ पर एकत्रित हो गए। यहां लोगों ने टोल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची। पुलिस ने समझाइश का प्रयास किया, लेकिन पूर्व विधायक समर्थक नहीं माने।
दिलसुुख चौधरी पूर्व विधायक के साथ टोल रहित गांव के मूल निवासी हैं। उनका कहना है कि वह दोनों श्रेणियों के हिसाब से फ्री हैं। इसके बाद भी टोल कर्मचारियों ने दादागिरी करते हुए गाड़ी को रोक दिया। जब पूर्व विधायक का कार्ड दिखाया तो मना कर दिया और अभ्रदता करने लगे। इसके बाद पूर्व विधायक अपने समर्थकों के साथ लक्ष्मणगढ़ थाने में मैनेजर व सुपरवाइजर के खिलाफ शिकायत देने पहुंच गए। इस मौके पर टोल संघर्ष समिति के नरेन्द्र बाटड़, भूमा सरपंच बनवारी ढाका, नरोदडा सरपंच महेंद्र, अरुण चौधरी, प्रदीप दाधीच, आलोक पाराशर सहित कई लोग मौजूद रहे।
अपराधियों के अड्डे बने टोल बूथ
टोल बूथ अपराधियों के अड्डे बनते जा रहे हैं। यहां काम करने वाले कर्मचारियों का पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। यहां तक की कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन भी पुलिस से कभी नहीं कराया गया। पुलिस भी इस मामले में गंभीर नहीं है। जबकि नियमानुसार टोल कर्मचारियों की सम्पूर्ण जानकारी संबंधित पुलिस थाने में होना आवश्यक है। पुलिस की लापरवाही के कारण कई बार अपराधी तत्व भी टोल पर नौकरी के बहाने छिप जाते हैं।
Published on:
06 Feb 2017 11:50 am
बड़ी खबरें
View Allट्रेंडिंग
