6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

2 बहनें एक साथ बनीं थानेदार, परिवार ने 6 दिन पहले यूं मनाई दिवाली, 100 वर्षीय दादा भी खुशी से झूम उठा

झुंझुनूं जिले के चिड़ावा शहर की गोगा जी ढाणी की दो बेटियों ने Delhi Police में एक साथ एसआइ के पद पर चयनित होकर परिवार की दीपावली पर खुशियां बढ़ा दी।

2 min read
Google source verification
Sub Inspector Sister of chirawa rajasthan

Sub Inspector Sister of chirawa rajasthan

चिड़ावा (झुंझुनूं).

कठोर मेहनत, लगन व जज्बा हो तो कामयाबी की इबारत आसानी से लिखी जा सकती है। अगर बात बेटियों की चलें तो फिर कहना ही क्या। जी हां, झुंझुनूं जिले के चिड़ावा शहर की गोगा जी ढाणी की दो बेटियों ने सफलता की वो कहानी लिख दी, जिससे हर बेटी को प्रेरणा मिल सकती है।

सीआरपीएफ में कश्मीर के उमामा बटालियन 25 में तैनात एसआई जगदीश प्रसाद सैनी और शिक्षिका रूपवती की दो बेटियों ने एक साथ एसआइ के पद पर चयनित होकर परिवार की दीपावली पर खुशियां बढ़ा दी।

यहां देखें अधिक तस्वीरें

दो बहनों ने एक साथ अफसर बनकर परिवार को दिया दिवाली 2018 को खास तोहफा

एसआइ जगदीश सैनी व रूपवती की बड़ी बेटी प्रिया का सीआरपीएफ में एसआई तथा छोटी प्रीति का दिल्ली पुलिस में एसआइ पद पर चयन हुआ है। प्रीति-प्रिया का भाई पढ़ाई कर रहा है। दिल्ली पुलिस एसआइ भर्ती परीक्षा 2018 का परिणाम 31 अक्टूबर को आया है। अब केवल उनकी नियुक्ति शेष है।

पिता की वर्दी देख ठानी

बेटियों के बड़े दादा मास्टर दूलीचंद सैनी को पोतियों की सफलता पर नाज है। जैसे ही 100 साल के बड़े दादा दूलीचंद को दोनों पोतियों के एसआइ बनने की खबर मिली तो वे खुशी से झूम उठे।

दोनों पोतियों को आशीष दिया। बड़े दादा ने बताया कि घर में बेटा-बेटी में कोई फर्क नहीं समझा। पोतियों सफल होंगी, उनको हमेशा से ही यकीन रहा।

बेटियों ने कहा कि उनके पिता भी एसआइ हैं। वे जब आते हैं हमेशा मेहनत व ईमानदारी की बात करतेे।

वर्दी वाला रोब व प्यार से खूब प्रभावित हुई और फिर दोनों ने भी वर्दी पहनने की ठान ली। प्रीति व प्रिया ने जयपुर में रहकर तैयारी की।

दोनों नियमित रूप से सात घंटे प्रतिदिन तैयारी करती थी। पत्रिका का बेटी बचाओ अभियान शानदार रहा है।

गोद में उठा लिया बेटियों को

दोनों बहनों की एक साथ थानेदार बनने की खुशी में पूरा मोहल्ला शामिल हुआ है। परिवार की महिलाओं ने इन बेटियों को गोद में उठा लिया और खुशी को इजहार किया। घर पर बधाई देने पहुंचे लोगों ने यही कहा कि म्हारी छोरियां छोरों से कम है के?