
9 हजार 401 स्कूल में खुलने थे स्मार्ट क्लास
चुनावी साल में भी सरकार अपनी पुरानी बजट घोषणाओं को पूरा नहीं कर पा रही है। 2021-22 के बजट में सरकार ने 9 हजार 401 सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास रूम की घोषणा की थी। पर अब तक घोषणा खटाई में पड़ी है। इस साल मार्च में राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद ने जरूर इस काम के लिए तीन फर्म का चयन कर उसे जिम्मेदारी सौंपी। लेकिन, क्लास रूम तैयार करने के तय समय 10 जून तक भी स्कूलों में काम की शुरूआत तक नहीं हुई। ऐसे में क्लास रूम के जरिए सरकारी स्कूल के बच्चों को स्मार्ट करने का सरकारी दावा सब्ज बाग साबित हो रहा है।
1.10 अरब से बनने थे स्मार्ट रूम
सरकारी स्कूलों में 1.10 अरब से ज्यादा की राशि से स्मार्ट क्लास बनने थे। 2021-22 की घोषणा को इस साल पूरा करने के लिए सरकार ने मार्च महीने में बेनेट कॉलमेन, युनिकॉप्स टेक्नोलॉजी व सेलकॉन इमपेक्स कंपनी को जिम्मेदारी सौंपी थी। प्रति क्लास रूम 1 लाख 17 हजार 500 रुपए की लागत से स्मार्ट रूम में विद्युतिकरण का काम कंपनी को मार्च महीने के अंतिम सप्ताह से शुरू करना था। 20 अप्रेल से इंटरेक्टिव फ्लेट पेनल डिस्प्ले स्मार्ट टीवी की सप्लाई व इंस्टालेशन का काम शुरू कर 10 जून तक काम पूरा करना था। लेकिन, अब तक स्कूलों में काम शुरू नहीं हो पाया है।
जिलेवार यूं बनने थे स्मार्ट क्लास रूम
बजट घोषणा व टेंडर के अनुसार अजमेर में 272, भीलवाड़ा में 424, नागौर में 601, टोंक में 289, भरतपुर में 461, धौलपुर में 200, करौली में 193, स. माधोपुर में 184, बीकानेर में 221, गंगानगर में 271, हनुमानगढ़ में 194, चूरू में 107, झुंझुनूं में 134, सीकर में 360, अलवर में 524, दौसा में 296, जयपुर में 632, बाड़मेर में 381, जैसलमेर में 119, जोधपुर में 441, जालौर में 207, पाली में 264, सिरोही में 150, बारंा में 195, बूंदी में 151, झालावाड़ में 238, कोटा में 213, बांसवाड़ा में 228, चित्तोडगढ़़ में 353, डूंगरपुर में 275, प्रतापगढ़ में 122, राजसमंद में 198 तथा उदयपुर में 503 स्कूलों में स्मार्ट क्लास के टेंडर किए गए थे।
Published on:
16 Jun 2023 12:56 pm
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