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शिक्षानगरी में विद्यार्थियों के बीच रह गए शूटर, यह रही सिस्टम की चूक

पांच नवाचारों पर काम करें पुलिस और प्रशासन तो मिले राहतशिक्षानगरी में माहौल सुधारने के लिए पुलिस, प्रशासन, शिक्षण संस्थान और छात्रावास संचालकों को करनी होगी पहल

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सीकर

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Ajay Sharma

Dec 05, 2022

LIVE VIDEO: गैंगस्टर राजू ठेठ की दनादन गोली मारकर हत्या, हॉस्टल में बच्चे से मिलने आया पिता की भी चपेट में आने से मौत

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शिक्षानगरी सीकर में लगातार बढ़ते अपराध ने पुलिस और प्रशासन के दावों की पोल खोल दी है। अक्टूबर महीने में बदमाशों ने स्कूल संचालक के बेटे का अपहरण कर पुलिस को खुली चुनौती दे दी थी। इसके बाद भी सीकर पुलिस ने पहरा सख्त नहीं किया तो हरियााणा के शूटरों ने सीकर के छात्रावास में शरण ले ली। इन्ही बदमाशों ने शनिवार को गैंगस्टर राजू ठेहट और एक अभिभावक की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना ने पुलिस के पूरे सिस्टम पर सवालिया निशान लगा दिए है। मासमू बच्चे के अपहरण के दौरान सीकर पुलिस ने निजी शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक भी बुलाई। इस दौरान हर विद्यार्थी का पुलिस सत्यापन का दावा किया गया। लेकिन पुलिस पुराने पैटर्न पर ही चलती रही। इधर, बदमाशों ने फायरिंग की घटना को अंजाम दे दिया। एक्सपर्ट का कहना है कि छात्रावास संचालक व पुलिस की सत्यापन की व्यवस्था मजबूत होती तो बदमाशों को सीकर में शरण ही नहीं मिलती।


इस दिशा में उठाने होंगे कदम...
1. विद्यार्थियों का सत्यापन: किसी को नहीं पता छात्रावास में कौन
श्क्षिानगरी में पिछले दस वर्षो में कई बार विद्यार्थियों के चरित्र सत्यापन के दावे किए गए। लेकिन तत्कालीन जिला कलक्टर एलएन सोनी के समय कवायद शुरू हुई। लेकिन इस बीच उनका तबादला होने की वजह से योजना अटक गई। इसमें बीट कांस्टेबल, संबंधित शिक्षण संस्था और छात्रावास की जिम्मेदारी तय की जा सकती है। फिलहाल यहां पढ़ाई करने वाले 95 फीसदी से अधिक विद्यार्थियों का खुद छात्रावास संचालकों को ही जानकारी नहीं है।

2. लगातार अनुपस्थित रहने वालों की कुण्डली:
शिक्षानगरी में कई ऐसे भी विद्यार्थी है जो विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में प्रवेश हासिल कर पढ़ाई से दूरी बना लेते हैं। यदि कोई विद्यार्थी लगातार चार दिन अनुपस्थित रहता है तो संबंधित शिक्षण संस्था के पास रेकार्ड होना चाहिए। इस नवाचार में बीट कांस्टेबल को मॉनिटरिंग का जिम्मा दिया जा सकता है। संस्था संचालकों ने पिछली बैठक में इस तरह की जानकारी पुलिस को उपलब्ध कराने की बात कही थी।

3. पिपराली रोड इलाके में अलग थाना:
शिक्षानगरी में सबसे ज्यादा विद्यार्थी पिपराली रोड और नवलगढ़ रोड इलाके में है। नवलगढ़ रोड इलाके में थाना है लेकिन विद्यार्थियों के अनुपात में नफरी काफी कम है। जबकि पिपराली रोड इलाके में पुलिस चौकी व थाना नहीं है। जबकि कई बार यहां के लोग भी थाने की मांग कर चुके है। यदि जनप्रतिनिधियों की ओर से बजट में मांग रखी जाती है तो पहरा और मजबूत हो सकता है।

4. बिना अंकतालिका नहीं मिले प्रवेश:
शिक्षानगरी के कई छात्रावासों में बिना अंकतालिका के ही प्रवेश दिया जा रहा है। लगातार बढ़ते अपराध के बाद व्यवस्था में बदलाव जरूरी है। शूटर वाले में मामले में यदि छात्रावास संचालक की ओर से इस तरह का नवाचार किया जाता तो शूटरों को यहां शरण ही नहीं मिलती।

5. पुलिस गश्त: पहरे से बढ़ेगा अनुशासन
पुलिस ने पिपराली रोड और नवलगढ़ रोड इलाके में बाजार के खुलने की समय सीमा तो निर्धारित कर दी। लेकिन गश्त व्यवस्था को मजबूत नहीं किया है। इस वजह से अपराधियों में भय नहीं है। एक्सपर्ट का कहना है कि पुलिस को अगलग टीम गठित कर दिन में भी पेट्रोलिग की व्यवस्था करनी चाहिए। इससे पुलिस का इस जोन में मुखबिर तंत्र भी डवलप होगा।

पुलिस अधीक्षक ने भी जारी किए फरमान
पुलिस विभाग की ओर से विद्यार्थियों के सत्यापन को लेकर कई बार प्रयास किए गए। लेकिन धरातल पर स्थायी रुप से यह नवाचार नहीं टिक सके। तत्कालीन एसपी अमनदीप कपूर ने सभी शिक्षण संस्थाओं के प्रतिनिधियों की बैठक लेकर विद्यार्थियों की जानकारी देने के आदेश दिए थे। लेकिन इस आदेश की भी पुलिस पालना नहीं करा सकी।

26 साल के विद्यार्थी को कैसे मिला नीट की कोचिंग में दाखिला: एडीजे
एडीजे अपराध रवि महरड़ा ने भी सीकर में शूटर्स के छात्रावास में रहने पर सवाल उठाए है। उन्होंने कहा कि अपराधी कोचिंग की टी-शर्ट पहनकर घूमे तो पुलिस इंटेलीजेंस को कैसे जानकारी मिल सकती है। 26 वर्ष का युवा जब नीट कोचिंग और छात्रावास में दाखिला लेने के लिए आया तो वहीं शक होना चाहिए था। किस आधार पर प्रवेश दिया जा रहा है इसकी जांच के साथ जहां-जहां खामियां है उनको ठीक करने का प्रयास किया जाएगा।

सीकर परिणाम में सबसे आगे, इसलिए देशभर से आ रहे विद्यार्थी
शिक्षानगरी सीकर में लगातार विद्यार्थियों की संख्या बढऩे की मुख्य वजह यहां की शिक्षण संस्थाओं का बेहतर परिणाम है। यहां की कोचिंग, स्कूल व कॉलेजों में कई राज्यों के विद्यार्थी अध्ययनरत है। शिक्षानगरी की धाक देशभर में ओर मजबूत हो इसके लिए मिलकर शैक्षिक माहौल को और बेहतर करना होगा।