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अधिकारियों के तालमेल में अटकी सीकर की प्यास, पेयजल किल्लत से जूझ रहा आधा इलाका

विद्युत निगम और जलदाय विभाग के बीच तालमेल का अभाव होने से शहर का आधा इलाका पेयजल किल्लत से जूझ रहा है।

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सीकर. विद्युत निगम और जलदाय विभाग के बीच तालमेल का अभाव होने से शहर का आधा इलाका पेयजल किल्लत से जूझ रहा है। हाल यह है कि शहर में फतेहपुर रोड और झुंझुनूं बाइपास इलाके में पिछले एक सप्ताह से हो रही कटौती के कारण पानी की टंकियों भर नहीं पाती है।वहीं पानी की टंकियो के ओवरफ्लो नहीं होने के कारण पानी की पाइप लाइन भी नहीं भर पाती है। इस कारण शहर के आधे से ज्यादा इलाके में पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है। लोग पानी की किल्लत से बचने के लिए टैंकर मंगवा रहे हैं। इसके अलावा जलदाय विभाग की ओर से वाटर प्रोजेक्ट की धीमी गति के कारण भी प्रभाव पड़ रहा है।


सबसे ज्यादा इस जगह पर असर
वर्तमान में करीब 40 ट्यूबवैल फतेहपुर रोड व झुंझुनूं बाइपास पर लगे हैं। इन ट्यूबवैल को पानी की तीन टंकियों से जोड़ा गया है। इनमें सबसे ज्यादा लम्बा क्षेत्र कमेला टंकी का है। इससे बकरा मंडी, दीन मोहम्मद रोड, नायकान मोहल्ला, अंबेडकर नगर, जगमालपुरा रोड, भैंरूपुरा रोड, आनंद नगर इलाका के दर्जनों से ज्यादा कॉलोनी है। वहीं ब्यूचाणी पंप से फतेहपुर रोड, शिव कॉलोनी, डोलियों का बास, रोशनगंज मोहल्ला, तहसील के पीछे का क्षेत्र नेहरू पार्क, नारवाल मोहल्ला आचार्यों का मोहल्ला, विक्रम स्कूल के पीछे का क्षेत्र आता है।


18 से 22 घंटे में भर पाती है टंकी
जलदाय विभाग की ओर से लगाए गए अधिकांश ट्यूबवैल की क्षमता अधिक पानी बाहर फेंकने की है। वहीं हाल में लगाए जा रहे ट्यूबवैल कम क्षमता वाले हैं। इस कारण हैडवक्र्स समय पर नहीं भर पाते हैं। जिसका असर ओवरहेड टंकियों पर पड़ता है। जलदाय विभाग की ओर से लगाए गए ट्यूबवैल के जरिए औसतन पांच से छह घंटे में हैडवक्र्स भर जाता है। विशेषज्ञों ने बताया कि आरयूआईडीपी की ओर से लगाए गए ट्यूबवैल औसतन 18 से 22 घंटे तक का समय लग जाता है। पिछले एक सप्ताह से बिजली कटौती के कारण समस्या बढ़ गई है।सीकर शहर में इन दिनों होने वाली अघोषित बिजली कटौती के कारण जलापूर्ति प्रभावित हो रही है। विद्युत निगम जितने समय के लिए बिजली काटने की घोषणा करता है उससे करीब दोगुना समय तक बिजली काटी जाती है। जिससे पानी की टंकियां भर नहीं पाती है।
एसडी मीना, अधीक्षण अभियंता जलदाय विभाग सीकर