
सुरेंद्र डैला
चिड़ावा. फसलें भी नशा करती हैं। नशे का असर भी ऐसा कि पैदावार डेढ़ गुणा तक बढ़ जाती है। यह दावे फसलों को दारू पिलाने वाले किसान कर रहे हैं। मामला रौचक है। उपखंड के बहुत से गांवों के किसान दलहनी फसलों में देशी शराब का छिडक़ाव कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि देशी शराब का नशा फसलों को खोखला करने के बजाए पैदावार बढ़ाता है। हालांकि कृषि विशेषज्ञ नशे से पैदावार बढऩे के दावे को नहीं मान रहे, हां, अनुसंधान करने की जरूरत जरूर बता रहे हैं। दरअसल, क्षेत्र के किसान इन दिनों दलहन की फसलों में देशी शराब व रम की स्प्रे कर रहे हैं।
किसानों का कहना कि दारू से फसलों में फाल ज्यादा आता है। शराब की स्प्रे का साइड इफेक्ट नहीं होने की बात भी कह रहे हैं। हालांकि इससे पहले सब्जियों में गंदा पानी उपयोग करने की खबरें तो अक्सर आती रहीं हैं, मगर शराब के नशे में पनपने वाली खेती हमारे और जमीन की सेहत पर कितना प्रभाव डालेगी। इस बारे में सरकार को सोचने की जरूरत है। क्योंकि क्षेत्र ही नहीं प्रदेशभर में किसान धीरे-धीरे इस जुगाड़ी तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं। सरकार को चाहिए कि किसानों के इस दावे की सच्चाई की सामने लाया जाए। बहरहाल, फसलों को दारू पिलाने का मामला रौचक जरूर है।
स्प्रे का तरीका भी आसान
दलहन फसलों में शराब की स्प्रे करने का तरीका भी काफी आसान है। किसानों का कहना कि देशी शराब को स्प्रे के लिए टंकी में पानी में मिलाया जाता है। जिसको फसलों में छिडक़ दिया जाता है। शराब का शरीर पर भी ज्यादा असर नहीं होने की बात कही जा रही है। किसानों का कहना कि बाजार में मिलने वाली कीटनाशक दवा के छिडक़ाव से शरीर पर भी असर होता है। कीटनाशक की दुर्गंध से किसान बीमार तक हो जाते हैं।
एक बीघा पर 30 रुपए का खर्च
क्षेत्र के किसान दलहन की फसलों में जमकर शराब का छिडक़ाव कर रहे हैं। जिसकी वजह कम खर्च भी माना जा रहा है। किसानों का कहना है कि एक बीघा जमीन में देशी शराब की स्प्रे करने पर करीब 30-35 रुपए का खर्च आता है। किसानों का दावा है कि देशी के बजाए रम का छिडक़ाव करने से भी पैदावार बढ़ती है। कुछ किसान तो हथकड़ दारू को भी कारगर मान रहे हैं। हालांकि फसल में स्प्रे करने का खर्च अलग है।
केस . 1
उपखंड के क्यामसर किसान रामलाल (परिवर्तित नाम) ने इस बार करीब छह बीघा में चने बो रखे हैं। किसान ने पूरे खेत में देशी शराब की स्प्रे की है। किसान का दावा है कि स्प्रे से एक-एका एक चने का फाल बढ़ गया। फाल बढऩे से पैदावार ज्यादा होने की उम्मीद है। किसान का दावा है कि बाजार में मिलने वाले कीटनाशक के बजाए देशी शराब की स्प्रे ज्यादा कारगर साबित हो रही है।
केस.2
गोठड़ी के किसान हरनाम (परिवर्तित नाम) ने अपने खेत में करीब पांच बीघा में चने की फसल लगा रखी है। किसान हरनाम ने बताया कि दूसरे किसानों से सुना था कि चने में देशी शराब की स्प्रे करने से फाल ज्यादा आता है। ऐसे में चने में शराब की स्प्रे करवाई है। जिसका असर भी दिख रहा है।
इनका कहना है...
शराब की स्प्रे से बढ़वार पर अभी तक अनुसंधान नहीं हुआ। ऐसे में कुछ भी नहीं कहा जा सकता है। हां, स्प्रे कोई भी हो, कुछ तो असर पड़ता ही है। किसानों की डेढ़ गुणी पैदावार होने वाली बात सही नहीं लग रही। इस पर कृषि वैज्ञानिकों को रिसर्च करना चाहिए।
डॉ. हनुमानप्रसाद, पूर्व कृषि वैज्ञानिक
शराब की स्प्रे से होने वाले असर पर अभी तक कोई रिसर्च नहीं हुई। हां, एल्कोहल से हार्मोंस बढऩे की संभावना होती है। जिससे पैदावार बढ़ भी सकती है। जांच के आधार पर ही कुछ कहा जा सकता है
डॉ.प्रमोद यादव, सहायक निदेशक, कृषि विस्तार, चिड़ावा
Published on:
24 Feb 2018 12:31 pm
बड़ी खबरें
View Allसीकर
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
